Hindi, asked by khandelwalsatish79, 1 month ago

लेखक किस संस्था की ओर से विस्थापन की समस्या देखने समझने जाता है क्लास ट्वेल्थ हिंदी​

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Answered by shishir303
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➲ लेखक ‘लोकायन’ नाम संस्था की ओर से   विस्थापन की समस्या देखने-समझने पहुँचा था।

‘जहां कोई वापसी’ नहीं पाठ, जो कि एक यात्रा वृतांत है, में लेखक निर्मल वर्मा ‘लोकायन’ नामक संस्था की ओर से विस्थापित लोगों की समस्या को जानने-समझने के लिए सिंगरौली के नवा गाँव गए थे। लेखक ने इस पाठ में विस्थापन से विकास कार्यो के कारण अपनी जगह से विस्थापित हुए लोगों की समस्याओं का वर्णन किया है कि उनकी जिंदगी विस्थापित होने के बाद कैसे कठिनाइयों से भर जाती है। लेखक ने इन विस्थापितों को औद्योगिक विकास के नाम पर आधुनिक भारत का नया शरणार्थी माना है।

सिंगरौली का नवागाँव छोटे-बड़े 18 गाँव का एक समूह था, इसी समूह में एक अमझर नाम का गाँव था। अमझर नाम का गाँव अपने नाम के अनुरूप था। यानि वहाँ आम झरते थे, यानि आम की पैदावार बहुत अधिक थी।

जब अमरोली प्रोजेक्ट के अंतर्गत गाँवों को हटाने की घोषणा हुई तो इस घोषणा के बाद अमझर गाँव के आम के पेड़ अपने आप ही सूखने लगे थे। लेखक के विचार में विस्थापन के विरोध में प्रकृति भी अपना सामूहिक सत्याग्रह का प्रदर्शन कर रही थी। लेखक ने पेड़ों की रक्षा के लिए मनुष्य का सत्याग्रह तो सुना था लेकिन मनुष्य की रक्षा के लिए पेड़ों का सत्याग्रह पहली बार देखा था।

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