Hindi, asked by Shamimkhan2281, 11 months ago

लेखक किस विडंबना की बात करते है ? विडंबना का स्वरूप क्या है?

Answers

Answered by daudayalsharma
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Answer:

आधुनिक युग में भी जातिवाद का पोषण होना ,इसके पोषकों की कमी होना ,इस तरह की प्रथा बढ़ावा देना,लेखक के विचार से विडंबना माना जाता है कार्य -कुशलता के लिए श्रम -विभाजन आवश्यक है और जाति प्रथा को इसी का दूसरा रूप कहा जाता है | ऐसा तर्क देकर जातिवादी व्यवस्था कायम रखने का प्रयास सामाजिक उत्थान हेतु विडंबना का स्वरूप कहा जा सकता है | लेखक ने हमेशा सामाजिक सामाजिक जाति प्रथा जैसे रोग को कैसे ख़तम होता है इससे हमारे समाज को एक नया जीवन जीने की शुरुआत करना बहुत जरूरी hai

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