Hindi, asked by ayushguddu2005, 3 months ago

लेखक के समृद्धि पटल पर उस सन्यासी के कौन-कौन से चित्र बार-बार उभरते हैं? मानवीय करुणा की दिव्य चमक पाठ के आधार पर लिखिए।​

Answers

Answered by syed2020ashaels
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एक लंबे पुजारी के बागे से ढकी एक आकृति एक साधु के रूप में उभरती है, जिसका रंग गोरा है। उसके चेहरे पर सफेद झाईयों के साथ भूरी दाढ़ी है, उसकी आँखें नीली हैं। वे अपनी बाहें फैलाकर गले लगाने को आतुर हैं। सबके लिए उनके मन में ऐसा प्रेम और स्नेह का भाव उत्पन्न हो जाता था।

उस सन्यासी यानी फादर बल्के की वही छवि लेखक की स्मृति पर उभरती है। लगभग 35 साल बीत जाने के बाद भी, लेखक आज भी उन बाहों के दबाव को अपने सीने पर महसूस करता है। लेखक को लगता है कि फादर कामिल बल्के अभी भी इलाहाबाद की सड़कों पर साइकिल चला रहे हैं और साइकिल चलाते हुए हमारी ओर आ रहे हैं। हमें देखकर मुस्कुराते हुए उसकी साइकिल हमारे पास रुक गई है और वह साइकिल से उतर रहा है। इस प्रकार ये चित्र बार-बार उभरकर लेखक की स्मृति में विलीन हो जाते हैं।

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