लेखक के दिल के टुकडे किस बात पर हो जाते थे? *
पतंग कटने से
खेल में हार जाने से
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फेल होने होने से
O भाई साहिब के उपदेश सुनने से
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kisee ko dukhi delhakar
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patang kaatane se
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लेखक के दिल के टुकड़े भाई साहब के उपदेश सुनने से हो जाते थे।
- लेखक को लगता था कि भाई साहब उपदेश देने की कला में माहिर है। उन्हें सिर्फ मौका चाहिए होता था लेखक को उपदेश देने का।
- लेखक को खेलना बहुत पसंद था, वह भाई साहब से छुप छुपकर जब भी समय मिले, खेलने चला जाता था, पकड़े जाने पर भाई साहब उपदेश देने लग जाते थे , उस वक्त लेखक को बहुत दुख होता था व उनके जिगर के टुकड़े टुकड़े हो जाते थे।
- भाई साहब का उद्देश्य, उपदेश देने के पीछे लेखक को नीचा दिखाना नहीं था वे केवल यह चाहते थे कि लेखक समय का महत्व समझे व पढ़ने लिखने पर अधिक ध्यान दें।
#SPJ3
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