लेखक की दृष्टि कहां अटक गई थी ? answer this question with the help of class 9th book Hindi Kshitij part 6 Premchand ke phate joote
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लेखक की दृष्टि प्रेमचंद के जूते पर क्यों अटक गई? उत्तर: लेखक ने देखा कि प्रेमचंद ने जिस जूते को पहनकर फ़ोटो खिंचाया है, उसमें बड़ा-सा छेद हो गया है। इसमें से प्रेमचंद की अँगुली बाहर निकल आई है।
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लेखक की दृष्टि कहां अटक गई थी ?
लेखक की दृष्टि प्रेमचंद के फटे हुए जुत्तों पर अटक गई थी | प्रेमचंद के जूतों में बड़ा सा छेद था | लेखक यह सोच रहा था , यह कैसा आदमी है, जो खुद तो फटे जूते पहने फोटो खिंचा रहा है |
व्याख्या :
प्रेमचंद ने फटे हुए जूते पहने हुए थे | जूते फटे होने के कारण उनके पैर की ऊँगली बाहर निकली हुई थी | प्रेमचंद ने फटे हुए जूतों में फोटो खिंचवा ली और उसे छुपाने का प्रयास नहीं किया | प्रेमचंद एक दम सादा जीवन व्यतीत करते थे , वह दिखावे में विश्वास नहीं रखते थे |
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