Hindi, asked by dipshrikadam6, 3 months ago

लेखक ने ऐसा क्यों कहा कि ‘जादूगर की वाणी में प्रसन्नता की तरी नहीं थी?’​

Answers

Answered by Sudarshanjha107
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Answer:

“मुझे शरबत न पिलाकर आपने मेरा खेल देखकर मुझे कुछ दे दिया होता, तो मुझे अधिक प्रसन्नता होती। छोटे जादूगर ने लेखक से ऐसा क्यों कहा? उत्तर: छोटे जादूगर ने लेखक से ऐसा इसलिए कहा क्योंकि उस वक्त उसे शरबत नहीं बल्कि अपनी माँ के इलाज के लिए दवा व पथ्य की आवश्यकता थी साथ ही उसे अपने लिए भोजन की जरूरत थी

Explanation:

इस उत्तर से आपकी मदद होती है तो उसके लिए धन्यवाद

Answered by thakreanilkumar9
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here your ans.

Explanation:

  1. छोटा जादूगर इस कहानी का प्रमुख पात्र है। उसके चरित्र में अनेक गुण दिखाई देते हैं। वह पुरुषार्थी बालक है। अपने और अपनी माँ के जीवनयापन के लिए वह अपनी जादू कला से पैसा कमाता है। निर्धन होते हुए भी वह किसी के सामने हाथ नहीं फैलाता। कठिनाइयों का सामना करते हुए स्वाभिमान के साथ जीवन बिताना चाहता है। लेखक के व्यंग्य करने पर वह गर्व से कहता है “तमाशा देखने नहीं, दिखाने आया हूँ।” उसमें एक कुशल जादूगर बनने के सभी गुण हैं। वह वाचाल है और आत्मविश्वास से पूर्ण है। निर्जीव खिलौने से वह ऐसा खेल दिखाता है कि सभी हँसते-हँसते लोट-पोट हो जाते हैं। उसका सबसे बड़ा गुण है उसकी मातृ-भक्ति। माँ के लिए ही वह परिश्रम से पैसे कमाता है। माँ की मृत्यु पर उसकी करुण दशा सभी के हृदय को द्रवित कर देती है।

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