लेखक ने अपने जीवन की दो घटनाओं में रेलवे के टिकट बाबू अब बस कंडक्टर की अच्छाई और ईमानदारी की बात बताई है। आप भी अपने किसी परिचित के साथ हुई किसी घटना के बारे में बताइए जिसमें किसी ने बिना किसी स्वार्थ के भलाई ईमानदारी और अच्छाई के कार्य किए हो।
Nikitasingh
The Brainly Teacher
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समाज में नित दिन ऐसी बहुत-सी घटनाएँ घटती हैं जिन्हें मीडिया समाचार-पत्र आदि उजागर नहीं करतै लेकिन नकारात्मक घटनाओं को जल्द ही प्रकाशित कर दिया जाता है। निम्न घटना सत्यता पर आधारित है जो मेरे जीवन में घटी-मेरे एक मित्र का बेटा कैंसर रोग से पीड़ित है। उनकी आर्थिक दशा बिकुल भी सुदृढ़ नहीं क्योंकि पिछले सात वर्ष से बेटे के इलाज पर काफी खर्च हो चुका है। वे छोटी-सी कंपनी में नौकरी कर केवल सात हजार रुपए महीना कमाते हैं और दवाइयों का खर्च ही पांच-छ: हजार हो जाता है। ऐसे में कैसे उसकी देखभाल करें व घर खर्च चलाएँ। मेरे एक अन्य मित्र हैं जो कलकत्ता में रहते हैं। वे एक बड़े व्यापारी हैं। वे लोकहित हेतु कई सामाजिक संगठन चला रहे हैं। मैनें उनसे अनुरोध किया कि कृपया वे मेरे एक मित्र के बेटे की सहायता करें। मैंने जैसे ही फ़ोन पर उनसे यह बात कही तो अगले ही दिन वे हवाई जहाज से दिल्ली आए और मेरे मित्र के बेटे को अपने साथ ले गए और पूरे इलाज का खर्च करने का वायदा किया। आज दो वर्ष से वह बच्चा कलकत्ते के अस्पताल में दाखिल है वे दवाइयों व उसके खाने-पीने का पूरा खर्च कर रहे हैं। अब उस बच्चे की बीमारी में भी काफी सुधार आया है।जब भी मैं कलकत्ता वाले मित्र के बारे में सोचता हूँ तो मेरा मन उनके लिए कृतज्ञ हो उठता है।
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लेखक ने अपने जीवन में दो घटनाओं में ट्रेन टिकट पर बाबू और बस चालक की भलाई और ईमानदारी की बात की है। निम्नलिखित घटना मेरे जीवन में घटी एक घटना पर आधारित है: मेरे दोस्त का बेटा कैंसर से पीड़ित है। आपकी आर्थिक स्थिति बिल्कुल भी मजबूत नहीं है, क्योंकि पिछले सात वर्षों में आपके बेटे के इलाज पर बहुत खर्च किया गया है।
★彡 ʜᴏᴘᴇ ɪᴛ ʜᴇʟᴘs!! ʙᴇ ʙʀᴀɪɴʟʏ!! 彡★