Hindi, asked by Drishtikathuria, 12 days ago

लेखक ने अपने जीवन की दो घटनाओं में रेलवे के टिकट बाबू और बस कंडक्टर की अच्छाई और ईमानदारी की बात बताई है। आप भी अपने या अपने किसी परिचित के साथ हुई किसी घटना के बारे में बताइए जिसमें किसी ने बिना किसी स्वार्थ के भलाई, ईमानदारी और अच्छाई के कार्य किए हों।

pls tell me ​

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Answered by rittick58
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Answer:

लेखक के मन मे हि

Explanation:

लेखक के मन में हिस्सेदार साहब के लिए श्रद्धा इसलिए जग गई क्योंकि बस के टायर घिसकर बिल्कुल ही खराब हो गए थे यह कहीं भी कभी भी फट सकते थे तेज गति से चलती बस का टायर फटने से बस पलट सकती थी इससे अन्य यात्रियो के साथ-साथ उनकी जान जाने का भी खतरा था पर वह जान को जोखिम में डालकर यात्रा कर रहे थे।

  1. जैसी उत्सग॔ की भावना उनके अंदर है, वैसी ही अन्यत्र दुल॔भ थी

उनके साहस और बलिदान की भावना के हिसाब से उन्हें क्रांतिकारी आंदोलन का नेता होना चाहिए था अर्थात उनमें साहस कूट कूट कर भरा था

Answered by santoshdhangar9630
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Answer:

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