लेखक ने बाजार में खरबुजे बेचने गई बुढ़िया का वर्णन किन शब्दों में किया है
Answers
Answered by
0
Answer:
व्याख्या - लेखक कहता है कि बुढ़िया खरबूजे बेचने का साहस करके बाजार तो आई थी, परंतु सिर पर चादर लपेटे, सिर को घुटनों पर टिकाए हुए अपने लड़के के मरने के दुःख में बुरी तरह रो रही थी। ... अपने पुत्र को खोने वाली उस माँ के दुःख का अंदाजा लगाने के लिए लेखक पिछले साल उसके पड़ोस में पुत्र की मृत्यु से दुःखी माता की बात सोचने लगा।
Similar questions