Hindi, asked by s10284, 1 month ago

लेखक ने बुढ़िया के दुख का अंदाज़ा कैसे लगाया?

Answers

Answered by kapilp10101
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Answer:

उत्तर: लेखक ने बुढ़िया के दुख का अंदाजा पहले तो बुढ़िया के रोने से लगाया। लेखक को लगा कि जो स्त्री खरबूजे बेचने के लिए आवाज लगाने की बजाय अपना मुँह ढ़क कर रो रही हो वह अवश्य ही गहरे दुख में होगी।

Answered by MaahilShah
2

Answer:

प्रश्न 4.

लेखक ने बुढ़िया के दु:ख का अंदाज़ा कैसे लगाया?

उत्तर:

लेखक ने रोती बुढ़िया के दुख का अंदाजा अपने पड़ोस की उस संभ्रांत महिला को याद करके लगाया। उस संभ्रांत महिला का बेटा भी मर गया था। उसके दुख से दुखी महिला अढाई महीने तक पलंग पर पड़ी रही। वह हर दस पंद्रह मिनट में बेहोश हो जाती थी और बेहोश न होने पर आँखों से आँसू बहते रहते थे। उसके सिरहाने दो-दो डॉक्टर सदैव बैठे रहते थे। हर दम उसके सिर पर बरफ़ रखी जाती थी। ऐसी दशा को याद करके लेखक ने जान लिया कि इस बुढ़िया का दुख भी उतना ही गहरा है, पर उसके पास शोक मनाने का समय नहीं है।

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