लेखक ने बच्चन के व्यक्तित्व के किन-किन रूपों को उभारा है?
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उत्तर :
लेखक ने बच्चन जी के व्यक्तित्व के अनगिनत रूपों को उभारा है उनमें से कुछ रूप निम्नलिखित है :
१.सहायक : बच्चन जी सच्चे सहायक थे। लेखक को इलाहाबाद लाकर उसके एम० ए० के दोनों सालों का ज़िम्मा उन्होंने अपने ऊपर ले लिया था। हिंदी साहित्य में लेखक ने जो स्थान प्राप्त किया है उसका पूरा श्रेय बच्चन जी को ही जाता है।
२. समय नियोजक : बच्चन जी समय का दृढ़ता से पालन करने वाले थे । वह समय के पाबंद थे। वह हमेशा समय का ख्याल रखते थे। अपने स्थान पर वे नियत समय पर ही पहुंचा करते थे।
३. निश्चलता : बच्चन जी की व्यक्तित्व का मुख्य गुण निश्चलता था। उनके हृदय में किसी के प्रति कोई छल कपट नहीं था। वे एक ऐसे निश्चल छवि के कवि थे जिसके हृदय के आर पार देखा जा सकता था।
४. कोमल हृदय : बच्चन जी कोमल हृदय के व्यक्ति थे। वह दूसरों के दुखों को अपना समझ कर उसे दूर करने की कोशिश करते थे।
५. दृढ़ संकल्प शक्ति: बच्चन जी की संकल्प शक्ति फौलाद के सम्मान मजबूती थी। पत्नी की मृत्यु के बाद वे दुखी है उदास थे। फिर भी उन्होंने साहित्य साधना में लीन होकर अपने आदर्शों और संघर्षों को जीवित रखा। वे जिस काम को करने की ठान लेते थे उसे पूरा करके ही चैन की सांस लेते थे।
६. मौन सजग प्रतिभा : बच्चन जी प्रतिभावान व्यक्ति थे। उनकी मौन सजग प्रतिभा तो दूसरों की प्रतिभा को नया आयाम देने की स्वाभाविक क्षमता रखती थी।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।
लेखक ने बच्चन जी के व्यक्तित्व के अनगिनत रूपों को उभारा है उनमें से कुछ रूप निम्नलिखित है :
१.सहायक : बच्चन जी सच्चे सहायक थे। लेखक को इलाहाबाद लाकर उसके एम० ए० के दोनों सालों का ज़िम्मा उन्होंने अपने ऊपर ले लिया था। हिंदी साहित्य में लेखक ने जो स्थान प्राप्त किया है उसका पूरा श्रेय बच्चन जी को ही जाता है।
२. समय नियोजक : बच्चन जी समय का दृढ़ता से पालन करने वाले थे । वह समय के पाबंद थे। वह हमेशा समय का ख्याल रखते थे। अपने स्थान पर वे नियत समय पर ही पहुंचा करते थे।
३. निश्चलता : बच्चन जी की व्यक्तित्व का मुख्य गुण निश्चलता था। उनके हृदय में किसी के प्रति कोई छल कपट नहीं था। वे एक ऐसे निश्चल छवि के कवि थे जिसके हृदय के आर पार देखा जा सकता था।
४. कोमल हृदय : बच्चन जी कोमल हृदय के व्यक्ति थे। वह दूसरों के दुखों को अपना समझ कर उसे दूर करने की कोशिश करते थे।
५. दृढ़ संकल्प शक्ति: बच्चन जी की संकल्प शक्ति फौलाद के सम्मान मजबूती थी। पत्नी की मृत्यु के बाद वे दुखी है उदास थे। फिर भी उन्होंने साहित्य साधना में लीन होकर अपने आदर्शों और संघर्षों को जीवित रखा। वे जिस काम को करने की ठान लेते थे उसे पूरा करके ही चैन की सांस लेते थे।
६. मौन सजग प्रतिभा : बच्चन जी प्रतिभावान व्यक्ति थे। उनकी मौन सजग प्रतिभा तो दूसरों की प्रतिभा को नया आयाम देने की स्वाभाविक क्षमता रखती थी।
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थघ ने कहा है कि किसी महिला को जनरल वीके सिंह ने दिया घोड़े और यह सब तो इनसे किसी को भी कहा गया था यह भी बताया है उन्होंने बताया और मैं भी नहीं
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