लेखक ने फादर बुल्के को 'मानवीय करूणा की दिव्य चमक' क्यों कहा है ?
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फादर बुल्के सके मन में अपने प्रिय जनों के लिए असीम प्रेम ममता और अपनत्व था इसलिए लेखक ने फादर बुल्के को मानवीय करुणा की दिव्य चमक कहा है वह एक देवदार के पेड़ केसमान अपने प्रियजनो को अपनी छत्रछाया प्रदान करते थे।
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प्रशन :- लेखक ने फादर बुल्के को 'मानवीय करूणा की दिव्य चमक' क्यों कहा है ?
उत्तर :-
वास्तव में, फादर बुल्के में अत्यधिक ममता, अपनत्व अपने हर प्रियजन के लिए उमड़ता रहता था। वे स्वयं कष्ट सहकर भी दूसरों के दुखों को दूर करते थे। प्रतिकूल एवं विषम परिस्थितियों में भी दिल से जुड़े लोगों का साथ कभी नहीं छोड़ते थे। लेखक की पत्नी और पुत्र की मृत्यु पर फादर के मुख से सांत्वना के जादू भरे शब्द इस बात के प्रमाण थे । उनके अंदर मानवीय करुणा की अपार भावनाओं के मौजूद रहने के कारण ही उन्हें 'मानवीय करुणा की दिव्य चमक' कहा गया है।
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