लेखक ने फादर को याद करते हुए अपनी भावना किन शब्दों में प्रकट किया है
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लेखक ने फादर को याद करते हुए अपनी भावना किन शब्दों में प्रकट किया है
लेखक ने फादर को याद को ‘यज्ञ की पवित्र अग्नि’ कहा फादर बुल्के एक पवित्र ज्योति की तरह हमेशा खुशियाँ देते थे| उन्होंने अपना सारा जीवन जीवन देश व देशवासियों के लिए जिया| जिस प्रकार से यज्ञ की पवित्र अग्नि अपनी स्वच्छता तथा दिव्य ज्योति से सब को प्रभावित करती है| फादर कामिल बुल्के ने अपने कामों से और अपने उदार व्यक्तित्व से सम्पूर्ण समाज को प्रभावित किया था| फादर बुल्के को मानवीय गुणों को दिव्य चमक कहा गया है।
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लेखक ने फादर बुल्के को याद करते हुए मानवीय करुणा की दिव्य चमक कहा है।
उन्होंने फादर के मानवीय गुणों को याद करते हुए कहा है कि फादर बुल्के में मानव के प्रति अगाध प्रेम, अपनत्व, करुणा, वात्सल्य भरा हुआ था। वह इतने सहृदय थे कि जो एक बार उनके निकट आ जाये तो वह हमेशा उनके निकट ही बने रहने का आकांक्षी रहता था। यदि किसी संकट की घड़ी मे उन्हें अपने किसी प्रियजन से मिलना होता तो कोई भी बाधा चाहे वो सर्दी, गर्मी, बरसात आदि हो, उन्हे नहीं रोक पाती थी। अपने प्रियजन के किसी भी संकट के समय वह इतनी प्रेम से सांत्वना देते कि लोग अपना दुख तक भूल जाते थे। वह सदैव मानव कल्याण के विषय में सोचते थे। फादर बुल्के के इन्हीं गुणों के कारण लेखक ने उन्हें मानवीय करुणा की दिव्य चमक कहा है
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