लेखक नागार्जुन की जीवनी लिखे
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नागार्जुन (30जून 1911[a]- 5 नवम्बर 1998) हिन्दी और मैथिली के अप्रतिम लेखक और कवि थे। अनेक भाषाओं के ज्ञाता तथा प्रगतिशील विचारधारा के साहित्यकार नागार्जुन ने हिन्दी के अतिरिक्त मैथिली संस्कृत एवं बाङ्ला में मौलिक रचनाएँ भी कीं तथा संस्कृत, मैथिली एवं बाङ्ला से अनुवाद कार्य भी किया। साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित नागार्जुन ने मैथिली में यात्री उपनाम से लिखा तथा यह उपनाम उनके मूल नाम वैद्यनाथ मिश्र के साथ मिलकर एकमेक हो गया।
नागार्जुन हिंदी साहित्य की एक प्रसिद्ध लेखक थे। वह अपने समकालीन लेखकों व प्रशंसको के द्वारा प्यार से नागार्जुन, जनकवी कहे जाते थे नागार्जुन की कविताओ में मुख्य रूप से राजनीति लोगो की समस्या, किसान और श्रमजीवी वर्ग की समस्या का उल्लेख किया गया है। नागार्जुन का जन्म सन् १९११ में बिहारी के दरभंगा जिले के तरानी के छोटेसे गाव मे एक मध्यमवर्ग के ब्राह्मण परिवार में हुआ था।
नागार्जुन के माता पिता ने ऊनका नाम वैद्यनाथ मिश्रा रखा था। परन्तु हिंदी साहित्यिक में नागार्जुन के नाम से अधिक मशहूर थे। जब वह तीन साल के थे तभी उनकी माँ देहांत हो गया था और उनके पिता अपने बेटे के प्रति अपनी जिम्मेदारी पूर्ण रूप से नही निभा पाये ।परिणामस्वरूप नागार्जुन को पूर्णतया अपने हितेश रिश्तेदारों के ऊपर निर्भर रहना पडा ।नागार्जुन संस्कृत, प्रकृत और पाली जैसे प्राचीन भारतीय भाषाओं के विद्वान थे।
सन् १९९८ मी उनके साहित्यिक योगदान के लिए नागार्जुन को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा भारत-भारती पुरस्कार से सम्मानित किया गया । मैथिली में रचित पत्राहिर नगना गाचीन संग्रह को सन् १९६८ साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
नंबर, सन् १९९८ में किसी महान लेखक का देहावसान हो गया।