--लेखक ने हीरे से भी कीमती किसे कहें और क्यों?
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लेखक ने हीरे से भी कीमती ‘धूल भरे हीरे ‘ को कहा है। धूल भरे हीरे का अर्थ है- गाँव की मिट्टी में खेल कूदकर पला हुआ ग्रामीण बालक। लेखक ने धूल भरे हीरे को मूल्यवान इसलिए बताया है क्योंकि ग्रामीण बालक गाँव की धूल-मिट्टी में पलकर बड़े होते हैं। वे उसी में जीवन के सब सुख लेते हैं। अत: धूल उनका श्रृंगार बन जाती है।
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. Hope it helps
Thanku
kritika9733:
thank you
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first of all you Should write the chapter name.....
लेखक ने हीरे से भी कीमती ‘धूल भरे हीरे ‘ को कहा है। धूल भरे हीरे का अर्थ है- गाँव की मिट्टी में खेल कूदकर पला हुआ ग्रामीण बालक। लेखक ने धूल भरे हीरे को मूल्यवान इसलिए बताया है क्योंकि ग्रामीण बालक गाँव की धूल-मिट्टी में पलकर बड़े होते हैं। वे उसी में जीवन के सब सुख लेते हैं। अत: धूल उनका श्रृंगार बन जाती है।
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