लेखक ने इस गद्यांश मे किस हुजूम की बात की है ? ( "साँवले सपनों की याद" ) 2nd paragraph
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हुजूम का वास्तविक अर्थ तो वैसे भीड़ भाड़ या जनसमूह ही होता है, लेकिन यहां पर लेखक ने हुजूम का दूसरा अर्थ लिया है। जिसमें हुजूम उन सांवले सपनों को कहा है, जो सलीम अली ने पक्षियों की भलाई के लिए देखे थे।
सलीम अली एक प्रसिद्ध पक्षी वैज्ञानिक थे, उन्होंने पक्षियों के कल्याण के लिए बहुत से कार्य किए। उन्होंने पक्षियों के संरक्षण के अनगिनत सपने देखे थे। उनके इन सपनों का हुजूम उनकी मौत के बाद लगता है, जैसे उनके साथ ही चला गया। जब सलीम अली की मृत्यु हो गई तब लेखक ने अपने भावनाओं को इन शब्दों के माध्यम से व्यक्त करना चाहा है कि सलीम अली के द्वारा देखे गए अनगिनत सपनों का हुजूम जैसे उनकी मृत्यु के साथ उनके साथ ही चला गया।
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