लेखक ने इस कहानी का शीर्षक कहानी के दो पात्रों के आधार पर रखा है। लेखक ने बाज और सांप को ही क्यों चुना? आपस में चर्चा कीजिए।
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उत्तर :
बाज और सांप कहानी दो कहानियों के योग से मिलकर बनी है। एक कहानी का केंद्र बिंदु सांप है तो दूसरी कहानी का केंद्र बिंदु बाज है । दोनों कहानी एक दूसरे के बिना अधूरी एवं उद्देश्यहीन सी जान पड़ती है ।इसलिए लेखक ने दोनों कहानियों को एक करके दोनों नायकों बाज और सांप के नाम पर कहानी का शीर्षक रखा जो उचित जान पड़ता है।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।
बाज और सांप कहानी दो कहानियों के योग से मिलकर बनी है। एक कहानी का केंद्र बिंदु सांप है तो दूसरी कहानी का केंद्र बिंदु बाज है । दोनों कहानी एक दूसरे के बिना अधूरी एवं उद्देश्यहीन सी जान पड़ती है ।इसलिए लेखक ने दोनों कहानियों को एक करके दोनों नायकों बाज और सांप के नाम पर कहानी का शीर्षक रखा जो उचित जान पड़ता है।
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बाज और साँप एक दूसरे उतने ही विपरीत हैं जितने की उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव। बाज रफ्तार और स्वतंत्रता का प्रतीक है जबकि साँप मंथर गति का प्रतीक है जिसकी दुनिया में विस्तार नाम की चीज नहीं है। बाज एक नजर में सैंकड़ों मील तक नजर रख सकता है जबकि साँप का परिप्रेक्ष्य बहुत छोटा होता है। इसलिए लेखक ने शीर्षक के लिये इन्हें चुना होगा। ऐसी कहानी तितली और तिलचट्टे को लेकर भी बनाई जा सकती है।
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