Hindi, asked by monikachauhan9813, 6 months ago

लेखक ने लोही किसे कहा है​

Answers

Answered by saklani16
5

Explanation:

सिक्किम की राजनीति क्या थी वहां से वहां पर कौन कौन से अधिकार थे

Answered by shilpa85475
0

Answer:

प्रातः काल की लालिमा को लेखक ने लोही कहा है |

  • 'बालगोबिन भगत' पाठ्यपुस्तक के लेखक 'रामवृक्ष बेनीपुरी' हैं। बचपन से ही लेखक बालगोबिन भगत को एक प्रतिष्ठित व्यक्ति मानते हैं। कलम एक ब्राह्मण थी और बालगोबिन भगत एक इडियट बॉक्स। उस समय के समाज में तेली को अच्छा नहीं माना जाता था। फिर भी 'बालगोबिन भगत' सबकी आस्था का कारण था।
  • लेखक ने इस पाठ्यपुस्तक के माध्यम से वास्तविक ईश्वरीयता का परिचय दिया है। एक महल में रहते हुए एक व्यक्ति वास्तव में साधु हो सकता है। साधु की पहचान उसके पहनावे से नहीं उसके हाव-भाव से होती है|
  • जो व्यक्ति अपने नियमों पर टिका रहता है, अपनी विशेष आवश्यकताओं को सीमित करता है, सामाजिक अनैतिकता को दूर करने का प्रयास करता है और दृष्टि और दृष्टि के जाल से नीचे रहता है, वह एक जानकार हो सकता है।
  • बालगोबिन भगत भगवान के निराकार रूप में विश्वास करते थे।
  • उनके अनुसार उनके पास जो कुछ भी है वह मालिक की देन है, उस पर उसका अधिकार है। इसलिए वे अपने खेतों की उपज को कबीर मठ तक ले जाते थे।
  • बाद में प्रसाद के रूप में जो कुछ मिलता था उसी से गुजारा करते थे। उनकी मृत्यु पर, उन्होंने अपने दामाद से सभी कर्मकांड करवाए। वे समाज में प्रचलित मान्यताओं का पालन नहीं करते थे।
  • उसने दामाद को पुनर्विवाह के लिए अपने घर स्थानांतरित कर दिया था। उन्होंने अपने विशेष हित के लिए कुछ नहीं किया। उनके सभी आचरण अच्छे हित में थे।
  • वह अपने बनाए नियमों में विश्वास करके अंत तक जीवित रहा। उन्होंने आत्मा के वास्तविक रूप का सम्मान किया था। अंत में आत्मा परमात्मा से मिल जाती है, इसलिए उसकी आसक्ति व्यर्थ है। मनुष्य को उसके उद्धार के लिए परमेश्वर से प्रेम करना चाहिए।
  • इस पाठ्यपुस्तक के माध्यम से लेखक लोगों को पाखंडी साधुओं से आशंकित करना चाहता है।
  • असली साधु वे हैं जो समाज के सामने एक मिसाल कायम करते हैं और समाज को पुरानी सड़ी-गली परंपराओं से मुक्त करते हैं |

#SPJ3

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