Hindi, asked by 09m, 1 year ago

लेखक ने लता की गायकी की किन विशेषताओं को उजागर किया है? आपको लता की गायकी में कौन-सी विशेषताएँ नज़र आती हैं? उदाहरण सहित बताइए।?​

Answers

Answered by shishir303
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लेखक ने लता की गायकी की निम्नलिखित विशेषताओं को उजागर किया है...

  • लेखक के अनुसार लता की गायकी में एक सुरीलापन है जो श्रोता के कानों में कानों में मिठास भर देता है। लता का गानपन श्रोताओं को मदमस्त कर देता है।
  • लेखक कहता है कि लता के स्वर बेहद निर्मल हैं और उनके स्वरों की निर्मलता उनकी गायकी को एक अनूठी विशिष्टता प्रदान करती है।
  • लता की गायकी की प्रमुख विशेषता यह है कि वह गीत के किन्हीं दो शब्दों के बीच के अंतर अपने स्वरों के आलाप द्वारा सुंदर तरीके से भर देती हैं, जिससे वे दोनों शब्द विलुप्त होते-होते रह जाते हैं। यह लता की गायकी की सबसे बड़ी विशेषता है।
  • लता के स्वरों में उच्चारण की शुद्धता पाई जाती है और वह जो भी गाना गाती है उसमें जरा भी उच्चारण दोष नहीं दिखाई पड़ता।
  • लेखक के अनुसार लता ने करुण रस के गाने तो उतने न्यायसंगतत ढंग से नही गाए हैं लेकिन श्रंगार रस की अभिव्यक्ति करने वालाे गाने बेहद उत्कटता से गाये है।

हमारी दृष्टि में लता की गायकी में लेखक द्वारा उल्लिखित सारी विशेषताएं हैंस लेकिन लेखक की इस बात से सहमत नहीं है कि लता ने करुण रस के गानों के साथ पूरी तरह न्याय नहीं किया। हमारी दृष्टि में लता ने करुण रस के गाने भी उतनी ही भाव विह्वलता के साथ गाये हैं, जितने कि श्रंगार रस के गाने गाये हैं।

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Answered by englebhumika
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Answer:

लेखक ‘कुमार गंधर्व ’ ने लता की गायकी की अधोलिखित विशेषताओं को उजागर किया है –

१. सहज सुरीलापन – लता के स्वर में सहज सुरीलापन है।

उनके स्वर में गजब की तन्मयता, उतार – चढ़ाव और अदभुत मिठास है। उनके स्वर में अनुपम माधुर्य है।

२. निर्मल स्वर – लता की गायकी की एक प्रमुख विशेषता उनके निर्मल स्वर हैं। जीवन के प्रति लता के दृष्टिकोण अतीव निर्मल हैं, ये ही उनकी गाने में भी झलकते है।

३. स्वरों की कोमलता एवं मुग्धता – वर्तमान की सर्वश्रेष्ठ गायिका लाता के स्वर कोमलता एवं मुग्धता से लसित है, इसके विपरीत अपने समय की चित्रपट की, बेहतरीन गायिका नूरजहां के गायन में मादकता थी।

४. नादमय उच्चार लता के गानपन की अद्भुत विशेषता है, उनकी गीत के किन्ही दो शब्दो का अन्तर स्वरों के आलाप द्वारा अति सुंदर रीति से सम्पन्न रहता है। ऐसा प्रतीत होती है की वे दोनो शब्द विलीन होते – होते एक – दूसरे से मिल जाते हैं।

५. श्रृंगाराभिव्यकित– लेखक का मानना हैं कि भले ही लता ने करुण – रसाभिव्यक्त के साथ न्याय न किया हो परंतु मुग्ध श्रृंगार की अभिव्यक्ति करने वाले गाने लता ने बड़ी उत्कटता केसाथ गए हैं।

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