Hindi, asked by babitababitabhatti, 7 months ago

लेखक ने लता की किन गायिकाओं की विशेषताओं को उजागर किया​

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Answered by preetkaur9066
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Explanation:

लेखक ने लता की गायकी की निम्नलिखित विशेषताओं को उजागर किया है

सुरीलापन–लता के गायन में सुरीलापन है। उनके स्वर में अद्भुत मिठास, तन्मयता, मस्ती तथा लोच आदि हैं, उनका उच्चारण मधुर गूंज से परिपूर्ण रहता है।

स्वरों की निर्मलता-लता के स्वरों में निर्मलता है। लता का जीवन की ओर देखने का जो दृष्टिकोण है, वही उसके गायन की निर्मलता में झलकता है।

कोमलता और मुग्धता-लता के स्वरों में कोमलता व मुग्धता है। इसके विपरीत नूरजहाँ के गायन में मादक उत्तान दिखता था।

नादमय उच्चार-यह लता के गायन की अन्य विशेषता है। उनके गीत के किन्हीं दो शब्दों का अंतर स्वरों के आलाप द्वारा सुंदर रीति से भरा रहता है। ऐसा लगता है कि वे दोनों शब्द विलीन होते-होते एक-दूसरे में मिल जाते हैं। लता के गानों में यह बात सहज व स्वाभाविक है।

शास्त्र-शुदधता-लता के गीतों में शास्त्रीय शुद्धता है। उन्हें शास्त्रीय संगीत की उत्तम जानकारी है। उनके गीतों में स्वर, लय व शब्दार्थ का संगम होने के साथ-साथ रंजकता भी पाई जाती है। हमें लता की गायकी में उपर्युक्त सभी विशेषताएँ नजर आती हैं। उन्होंने भक्ति, देश-प्रेम, श्रृंगार तथा विरह आदि हर भाव के गीत गाए हैं। उनका हर गीत लोगों के मन को छू लेता है। वे गंभीर या अनहद गीतों को सहजता से गा लेती हैं। एक तरफ ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ गीत से सारा देश भावुक हो उठता है तो दूसरी तरफ ‘दिलवाले दुल्हनियाँ ले जाएँगे।’ फिल्म के अलहड़ गीत युवाओं को मस्त करते हैं। वास्तव में, गायकी के क्षेत्र में लता सर्वश्रेष्ठ हैं।

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