लेखक ने स्वयं को चक्षुश्रवा क्यों कहा है ?
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चक्षु श्रवा का अर्थ होता है -आंखों से देखने वाला l सांप को चक्षु श्रवा कहा जाता है l लेखक ने स्वयं को चक्षु श्रवा इसलिए कहा है क्योंकि वह उस समय अपनी पूरी शक्ति आंखों को देकर सांप की प्रत्येक हरकत पर पैनी नजर रखे हुए था।
Explanation:
जब लेखक चिट्ठियाँ लेने कुएँ में उतरा तो साँप ने वार किया और डण्डे से चिपट गया। डण्डा हाथ से छूटा तो नहीं, पर झिझक, सहम अथवा आतंक से अपनी ओर खिंच गया और गुंजल्क मारता हुआ साँप का पिछला भाग मेरे हाथों से छू गया। डण्डे को मैंने एक ओर पटक दिया । यदि कहीं उसका दूसरा वार पहले होता, तो उछलकर मैं साँप पर गिरता और न बचता। डण्डे के मेरी ओर खिंच आने से मेरे और साँप के आसन बदल गये। मैंने तुरन्त ही लिफाफे और पोस्टकार्ड चुन लिये।
सांप को चक्षु श्रवा कहा जाता है l लेखक ने स्वयं को चक्षु श्रवा इसलिए कहा है क्योंकि वह उस समय अपनी पूरी शक्ति आंखों को देकर सांप की प्रत्येक हरकत पर पैनी नजर रखे हुए था।
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