Hindi, asked by nispruhi, 1 year ago

लेखक ने व्यावहारिकता को समाज के लिए अच्छा क्यों नहीं माना ?
from ptzaar me tutti pattiya

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Answered by tiger009
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पतझर में टूटी पत्तियाँ में लेखक ने व्यावहारिकता को समाज के लिए उचित इसलिए नहीं माना है क्योंकि ऐसे लोग स्व-केन्द्रित होते हैं I केवल अपने विषय में सोचना,हर काम को लाभ-हानि की तुला में तोलना और उसमें लाभ-हानि के गणित में उलझे रहना ही आज की व्यावहारिकता है और यही व्यवहारवादी सोच भी हैIहमेशा अपने कार्यों के लिए हद से अधिक सावधान रहते हैं कि कहीं कुछ चूक न हो जाए वरना नुकसान होजाएगा इतना अधिक गणित लगाकर जीवन जीना उन्हें स्वार्थी बना देता है,हालाँकि अधिकांश स्वार्थी लोग स्वयं को इन्हीं गुणों के आधार पर व्यवहारिक घोषित कर देते हैंIवे जीवन में कई बार सफल भी होते हैं और निःसंदेह दूसरों से आगे भी जाते हैं परन्तु स्थाई रूप से आगे नहीं बढ़ पातेIऐसे में सामाजिक उत्थान और विकास के बारे में न तो वे सोच पाते हैं न ही कुछकरते हैंIऔर इसी व्यवहारवादी सोच के कारण समाज का उत्थान और विकास तो नहीं ही होता अपितुसमाज और नीचे की ओर गिरता जाता हैI


nuclearscientist321: Good
tiger009: thanks
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