Hindi, asked by kin20, 1 year ago

लेखक ने व्यावहारिकता को समाज के लिए अच्छा क्यों नहीं माना है ?

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class 10 course b Hindi
sparsh chapter- patjhar main tuti pattiyan

Answers

Answered by AbsorbingMan
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लेखक ने व्यवहारिकता को समाज के लिए उचित नहीं माना है क्योंकि व्यवहारवादी लोग हमेशा अपने कार्य के लिए सावधान रहते हैं। हर काम में लाभ-हानि का गणित लगाते हैं। वे जीवन में कई बार सफल भी होते हैं और दूसरों से आगे भी जाते हैं परन्तु स्थाई रूप से आगे नहीं बढ़ पाते ।ऐसे में समाज के उत्थान के बारे में नहीं सोचते ।व्यवहारवादी सोच के कारण लोगो का भला नहीं हो पाता।और विकास भी नीचे गिरता जाता है ।

Answered by limelight1726
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Explanation:

अवसर के अनुसार व्यवहारिकता का सहारा लेना तब तक अनुचित नहीं है, जब तक की आप किसी और के अधिकारों का हनन न करें। हर मनुष्य जीवन में आगे बढ़ना चाहता है। परन्तु आदर्शों पर चलते रहने से उसे सफलता हासिल नहीं हो सकती क्योंकि आज के समय में लोग आदर्शवादी नहीं होते हैं। ऐसे लोगों के बीच में रहते हुए यदि कोई आदर्शवादी होता है, उसे सफलता कभी प्राप्त नहीं हो सकती है। अतः यदि वह आदर्शों को अपनाता है लेकिन अवसर पड़ने पर उन्हें कुछ समय के लिए बदल लेता है, तो इसमें बुराई नहीं है। अवसर का लाभ उठाना कोई भी गलत काम नहीं है। ऐसे समय में उसे बिना सोचे समझे अपने आदर्शों से समझोता कर लेना चाहिए। वह अपने आदर्शों को हर समय नहीं बदलता है। किसी ऐसे समय में जब उसे आदर्शों को बदलने के लिए विवश होना पड़े, तो उसे बदल लेना चाहिए। हमने सर पर विद्यमान ज़िम्मेदारियों तथा अपनी ज़रूरतों के लिए वह सिर्फ इसलिए परेशान रहे क्योंकि वह आदर्शवादी है, तो यह बात उचित नहीं जान पड़ती है।

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