लेखक नवाब साहब को देखते ही उसके प्रति व्यंग से क्यों भर जाता है ?
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लेखक नवाब साहब को देखते ही उसके प्रति व्यंग्य से क्यों भर जाता है ? उत्तर-लेखक के मन में लखनवी नवाबों के प्रति पूर्वधारणा है कि वे अपनी आन-बान-शान को बहुत महत्व देते हैं। वे हर चीज से नजाकत दिखाते हैं तथा स्वयं को औरों से अधिक शिष्ट, शालीन और कुलीन सिद्ध करना चाहते हैं।
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