लेखक स्वयं को किसका वारिस समझता है
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एज़टेक १४वीं से १६वीं शताब्दी के मध्य मेक्सिको में एक साम्राज्य था। एज़टेक लोगों की राजधानी टेनोच्टिलन थी और वो वर्तमान मेक्सिको में बस गए थे। एज़टेक लोग नाहुआट्ल भाषा बोलते थे। एज़टेक लोगों की संस्कृति के कुछ अंग थे मानव बलि और मिथ्कीय जीवों पर विश्वास। इसके अतिरिक्त, एज़टेक लोगों का पंचांग बहुत ही सटिक था जिसमें ३६५ दिन होते थे। उनका एक धार्मिक पंचांग भी था जो २६० का होता था।
एज़टेक १४वीं से १६वीं शताब्दी के मध्य मेक्सिको में एक साम्राज्य था। एज़टेक लोगों की राजधानी टेनोच्टिलन थी और वो वर्तमान मेक्सिको में बस गए थे। एज़टेक लोग नाहुआट्ल भाषा बोलते थे। एज़टेक लोगों की संस्कृति के कुछ अंग थे मानव बलि और मिथ्कीय जीवों पर विश्वास। इसके अतिरिक्त, एज़टेक लोगों का पंचांग बहुत ही सटिक था जिसमें ३६५ दिन होते थे। उनका एक धार्मिक पंचांग भी था जो २६० का होता था।एज़टेक मूल अमेरिकी लोग थे जो १५वीं और १६वीं शताब्दियों के मध्य मेक्सिको में रहा करते थे। वे लोग स्वयं को मेक्सिकी या नाहुआ कहते थे। एज़टेक की राजधानी थी, टेनोच्टिलन। यह उन द्वीपों से बना था जो एक झील में थे। उस समय टेनोच्टिलन विश्व के महानतम नगरों में से एक था।