लेखक द्वारा संतरी को दी गई दो सूचनाएँ:
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Answer:
Ye lo dost....
Explanation:
मनुष्य जिज्ञासु प्राणी है। वह तरह-तरह की जानकारियों से अवगत होना चाहता है। वह सूचनाओं का आदान-प्रदान करता है। इसी तरह सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाएँ भी कुछ आवश्यक सूचनाएँ लोगों तक पहुँचाना चाहती हैं। जन साधारण की भलाई हेतु वे समय-समय पर ऐसा करती रहती हैं। इन सूचनाओं को जनता तक लिखित रूप में पहुँचाना सूचना-लेखन कहलाता है। सूचना-लेखन के माध्यम से जन साधारण से सीधे संवाद स्थापित किया जाता है। इसके माध्यम से कम खर्च और अल्प परिश्रम से अधिकाधिक लोगों तक सूचनाएँ पहुँचाई जाती हैं। छात्रों को भी तरह-तरह की सूचनाएँ विद्यालय के सूचनापट्ट पर लिखी मिलती हैं। सूचनाएँ प्रायः ऐसे स्थान पर लिखी जाती हैं, जहाँ लोगों द्वारा वे आसानी से देखी और पढ़ी जा सकें। इन्हें कॉलोनियों और रिहायशी इलाकों के मुख्य द्वार पर या प्रायः कॉलोनी के सूचनापट्टों पर लिखी मिल जाती हैं।
सूचना-लेखन में ध्यान देने योग्य बातें-
सूचना प्रायः तीन या चार वाक्यों में लिखी जानी चाहिए।
सूचना पूर्ण और आसानी से समझ में आने वाली होनी चाहिए।
सूचना सरल शब्दों में लिखी जानी चाहिए।
सूचना की भाषा प्रभावपूर्ण और मर्यादित शब्दों में लिखी जानी चाहिए।
सूचना की लिखावट पठनीय होनी चाहिए।
सूचना देने वाले का नाम या स्थान विशेष की जानकारी अवश्य होनी चाहिए।
सूचना देने वाले के हस्ताक्षर और दिनांक अवश्य लिखा जाना चाहिए।
मनुष्य जिज्ञासु प्राणी है। वह तरह-तरह की जानकारियों से अवगत होना चाहता है। वह सूचनाओं का आदान-प्रदान करता है। इसी तरह सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाएँ भी कुछ आवश्यक सूचनाएँ लोगों तक पहुँचाना चाहती हैं। जन साधारण की भलाई हेतु वे समय-समय पर ऐसा करती रहती हैं। इन सूचनाओं को जनता तक लिखित रूप में पहुँचाना सूचना-लेखन कहलाता है। सूचना-लेखन के माध्यम से जन साधारण से सीधे संवाद स्थापित किया जाता है। इसके माध्यम से कम खर्च और अल्प परिश्रम से अधिकाधिक लोगों तक सूचनाएँ पहुँचाई जाती हैं। छात्रों को भी तरह-तरह की सूचनाएँ विद्यालय के सूचनापट्ट पर लिखी मिलती हैं। सूचनाएँ प्रायः ऐसे स्थान पर लिखी जाती हैं, जहाँ लोगों द्वारा वे आसानी से देखी और पढ़ी जा सकें। इन्हें कॉलोनियों और रिहायशी इलाकों के मुख्य द्वार पर या प्रायः कॉलोनी के सूचनापट्टों पर लिखी मिल जाती हैं।
सूचना-लेखन में ध्यान देने योग्य बातें-
सूचना प्रायः तीन या चार वाक्यों में लिखी जानी चाहिए।
सूचना पूर्ण और आसानी से समझ में आने वाली होनी चाहिए।
सूचना सरल शब्दों में लिखी जानी चाहिए।
सूचना की भाषा प्रभावपूर्ण और मर्यादित शब्दों में लिखी जानी चाहिए।
सूचना की लिखावट पठनीय होनी चाहिए।
सूचना देने वाले का नाम या स्थान विशेष की जानकारी अवश्य होनी चाहिए।
सूचना देने वाले के हस्ताक्षर और दिनांक अवश्य लिखा जाना चाहिए।