लेखक यशपाल जी के ज्ञान चक्षु कैसे खुल गए
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O लेखक यशपाल जी के ज्ञान चक्षु कैसे खुल गए?
► ‘लखनवी अंदाज’ पाठ में जब लेखक ‘यशपाल’ ने देखा कि नवाब साहब ने बिना खीरे को खाए हुए ही केवल उसको सूंघकर उसकी महक का रसास्वादन लेकर पेट भर जाने और डकार लेने का उपक्रम किया तो लेखक को लगा कि जब किसी वस्तु को खाये बिना मात्र उसकी महक का आनंद लेकर पेट भरकर डकार ली जा सकती है, तो बिना विचार, घटना और पात्रों के इच्छा मात्र से ही एक नई कहानी की रचना क्यों नहीं की जा सकती, इतनी सी बात सोचकर लेखक यशपाल के ज्ञान चक्षु खुल गए।
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