(लेखन) 14. दिए गए संकेत बिन्दुओ के आधार पर लगभग 200 से 250 शब्दों में निबंध लिखिए- प्लास्टिक: अनचाही जरूरत संकेत बिंदुः
. प्लास्टिक की उपयोगिता .
.प्लास्टिक के नुकसान
.निष्कर्ष
Answers
Answer:
Explanation:
प्लास्टिक की उपयोगिता पर निबंध
पाषाण युग, लकड़ी युग, सोना-चाँदी युग और लौह युग आदि से अब हम प्लास्टिक युग में आ गए हैं। आज जीवन के क्षेत्र में ऐसी कोई भी वस्तु नहीं है जिसमें प्लास्टिक का समावेश ना हो। प्लास्टिक एक बेहद हल्का पदार्थ होता है, जिसके कारण इससे निर्मित वस्तुएं वजन में हल्की होती हैं और आसानी से कहीं भी ले जाई जा सकती हैं। इन्हें मनचाहे आकार में भी ढाला जा सकता है।
आज हमारे जीवन में प्लास्टिक इस कदर छा गई है कि हमें अपने जीवन से प्लास्टिक निकालना लगभग असंभव सा हो गया है। आज की ऐसी अनेर इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएं हैं जिनका प्लास्टिक के बिना निर्माण संभव नहीं। पूरी तरह से धातु से बिना प्लास्टिक के इन इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं का निर्माण किया ही नहीं जा सकता। और अगर दूसरे किसी पदार्थ जैसे कि लकड़ी आदि का प्रयोग करते हैं, वो महंगा पड़ता है। प्लास्टिक एक सस्ता विकल्प है। इसके लिए प्लास्टिक की उपयोगिता समझ में आती है और हमारे जीवन से से निकालना आसान नहीं है।
लेकिन आज प्लास्टिक हमारे पर्यावरण के लिए नुकसानदायक भी साबित हो रहा है, क्योंकि ये विघटित नहीं होता है और आसानी से नष्ट नहीं होता। इस कारण यह पर्यावरण को प्रदूषित करता है। इस को जलाने पर वायुमंडल दूषित होता है, जमीन गाढ़ने पर यह हजारों वर्ष तक अपनी वैसी अवस्था में रहता है। अर्थात ये किसी भी प्रकार से नहीं नष्ट नही किया जा सकता।
प्लास्टिक की हमारे जीवन में इसकी उपयोगिता से इनकार नहीं किया जा सकता, लेकिन अब समय आ गया है कि हम सोच समझकर प्लास्टिक का उपयोग करें जहां एकदम आवश्यक वस्तुयें जिनका प्लास्टिक के बिना निर्माण नहीं संभव है उन्हीं में प्लास्टिक का उपयोग करें। उसके अतिरिक्त प्लास्टिक के विकल्प के रूप में अन्य पर्यावरण के अनुकूल विकल्पों का उपयोग करें तो हमारे लिए बेहतर रहेगा।
प्लास्टिक के नुकसान
प्लास्टिक पदार्थो का निस्तारण करना काफी चुनौतिपूर्ण कार्य है। जब प्लास्टिक का कचरा लैंडफिलो या पानी के स्रोतों में पहुंच जाता है तब यह एक गंभीर संकट बन जाता है। लकड़ी और कागज की तरह हम इसका दहन करके भी इसे समाप्त नही कर सकते। क्योंकि प्लास्टिक के दहन से इससे कई सारी हानिकारक गैसे उत्पन्न होती है, जोकि पृथ्वी के वातावरण और जनजीवन के लिये काफी हानिकारक हैं। इस वजह से प्लास्टिक वायु, जल तथा भूमि तीनो तरह के प्रदूषण फैलाता है।
हम चाहे जितना भी प्रयास कर ले परन्तु प्लास्टिक उत्पादो के उपयोग को पूर्ण रुप से बंद नही कर सकते पर हम चाहे तो निश्चित रुप से इसके उपयोग को कम जरुर कर सकते है। प्लास्टिक से बने कई उत्पाद जैसे कि प्लास्टिक बैग, डिब्बे, ग्लास, बोतल, आदि की जगह हम आसनी से पर्यावरण के अनुकूल अन्य उत्पादो जैसे कि कपड़े, पेपर बैग, स्टील से बने बर्तनो और अन्य चीजो का उपयोग कर सकते है।
प्लास्टिक प्रदूषण को नियंत्रित करना मात्र सरकार की जिम्मेदारी नही है और वास्तव में अकेले सरकार इस विषय में कुछ कर भी नही सकती है। एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते यह हमारा कर्तव्य है कि प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने में हम भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दे।
निष्कर्ष
पिछले कुछ दशको में प्लास्टिक प्रदूषण का स्तर काफी तेजी से बढ़ा है, जोकि एक गंभीर चिंता का विषय है। हमारे द्वारा प्लास्टिक के बढ़ते उपयोग को रोककर ही इस भयावह समस्या पर काबू पाया जा सकता है। हममे से हर एक व्यक्ति को इस समस्या के निवारण के लिये आगे आना होगा। और इसे रोकने में अपना बहूमुल्य योगदान देना होगा।