लेखन-अभिव्यक्ति
चैन
लूटकर,
शब्द गुच्छ-पिस रही थी जनता, रो रही थीं आँखें, अधिकार छीनकर, सुख
गरज रही थीं तोपें, सीने पे गोली मार,
"दे दी तूने आज़ादी हमें,
खड्ग बिना ढाल,
साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल
(क)
(ख)
(ग)
साबरमती के संत तूने कर दिया कर
(घ)
(ङ)
साबरमती के संत तूने कर दिया कम
साबरमती के संत तूने कर दिया काम
(च)
दिए गए शब्दों की सहायता से अपने मौलिक विचारों को शब्द देते हुए इस गीत की छह नई पंक्तियाँ लिखिा.
Answers
Answered by
0
Answer:
please give me brainliest answer I want one brainliest answer to go on expert
Similar questions