History, asked by dongarwarsavi, 8 months ago

लेखनीय
ध्वनि प्रदूषण के बारे में अपने शब्दों में लिथिए।​

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Answered by vanshikavikal448
38

hey mate your answer is here ⬇️⬇️⬇️

ध्वनि प्रदूषण प्रदूषण का ही एक रूप है इसको सामान्य शब्दों में समझे तो हमारे वातावरण में जो भी असहनीय तेज आवाज उत्पन्न होती है वही ध्वनि प्रदूषण कहलाती है। अत्यधिक तेज आवाज का ज्यादातर बुजुर्गों और छोटे बच्चों पर ज्यादा असर पड़ता है। ध्वनि प्रदूषण बहरेपन का भी कारण होता है। यह धीरे-धीरे मानव के स्वास्थ्य को बिगाड़ता है जिससे मानव को इसका पता भी नहीं चलता और एक दिन उसकी मृत्यु हो जाती है।

वर्तमान में विज्ञान ने जितनी तेजी से तरक्की की है उतनी ही तेजी से ध्वनि प्रदूषण भी बढ़ा है क्योंकि बड़ी-बड़ी मशीनें, लाउडस्पीकर, हॉर्न विज्ञान की ही देन है। आजकल घर घर में TV और लाउडस्पीकर आ गए हैं जो कि दिनभर बचते रहते हैं और तीखी ध्वनि उत्पन्न करते रहते है जिससे पूरे वातावरण में शोर की मात्रा बढ़ जाती है।

जीवन की इस तेज रफ्तार में मानव सिर्फ अपनी वैभव विलासिता की वस्तुओं का उपभोग करने में लगा हुआ है, जिससे वह पर्यावरण में होने वाले प्रदूषण की ओर ध्यान नहीं दे रहा है। जैसे तेज ध्वनि प्रदूषण मानव द्वारा ही फैलाया जाता है और वही इसका शिकार भी बनता है। मानव जाति खुद के स्वास्थ्य के साथ-साथ हैं पशु पक्षियों के स्वास्थ्य से भी खिलवाड़ कर रहा है जो कि एक चिंताजनक विषय हैं।

ध्वनि प्रदूषण के कारण – Sound Pollution ke Karan

मानव द्वारा लाउडस्पीकरों का अत्यधिक उपयोग करना।

प्रेशर हॉर्न का उपयोग करना।

उद्योग-धंधों में काम में आने वाली बड़ी मशीनों से उत्पन्न होने वाला शोर।

शहरों में बढ़ते निर्माण कार्य।

जनसंख्या वृद्धि।

शहरों में बढ़ता ट्रैफिक जिसके कारण जाम की स्थिति होती है और एक ही जगह पर कई सारे वाहन रुकते हैं जिससे उनकी आवाज अत्यधिक मात्रा में बढ़ जाती है।

ध्वनि प्रदूषण के कुप्रभाव – Sound Pollution ke Kuparbhav

अगर कोई व्यक्ति प्रतिदिन तेज आवाज के संपर्क में रहता है तो उसके सुनने की क्षमता धीरे-धीरे क्षीण होती जाती है, कई लोग तो बहरेपन का भी शिकार हो जाते है।

ध्वनि प्रदूषण के कारण मनुष्य का स्वभाव में चिड़चिड़ापन रहता है और साथ ही उसे सिर दर्द जैसी समस्या भी रहती है।

तेज आवाज से वन्यजीवों का भी जीवन संकट में पड़ जाता है इसका एक उदाहरण यह है कि समुद्र में सेनाओं द्वारा किए गए अभ्यास के कारण आज चोंचदार व्हेल मछली की प्रजाति मिटने की कगार पर है।

ध्वनि प्रदूषण को कम करने के उपाय – Sound Pollution ko kam Karne ke Upay

चूँकि ज्यादातर ध्वनि प्रदूषण मानव द्वारा ही फैलाया जाता है इसलिए जब तक मानव इस विषय पर प्रत्येक नहीं होगा तब तक है ध्वनि प्रदूषण कम होने वाला नहीं है।

इसको कम करने के लिए लोगों को लाउडस्पीकरों का यूज कम करना होगा।

और बेवजह हॉर्न बजाना कम करना होगा।

उद्योग-धंधों को आबादी वाले क्षेत्रों से दूर स्थापित करना होगा।

ट्रैफिक नियमों का पालन करना होगा।

कम आवाज करने वाली मशीनों का उपयोग करना होगा।

Answered by vinayak5920
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above answer is correct..!!

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