Hindi, asked by ranjeetcingh13092000, 4 months ago


लाला झाऊलाल को खाने-पीने की कमी नहीं थी। काशी के ठठेरी बाज़ार में मकान था। नीचे की दुकानों से एक सौ रुपये मासिक के करीब किराया उतर आता था। अच्छा खाते थे, अच्छा पहनते थे, पर ढाई सौ रुपये तो एक साथ आँख सेंकने के लिए भी न मिलते थे। इसलिए जब उनकी पत्नी ने एक दिन एकाएक ढाई सौ रुपये की माँग पेश की, तब उनका जी एक बार ज़ोर से सनसनाया और फिर बैठ गया। उनकी यह दशा देखकर पत्नी ने कहा-“डरिए मत, आप देने में असमर्थ हों तो मैं अपने भाई से माँग लूँ?”

1 गद्यांश के पाठ और लेखक का नाम लिखिए-(क) बस की यात्रा – हरिशंकर परसाई(ख) कामचोर – इस्मत चुगताई(ग) जहाँ पहिया है – पी. साईनाथ(घ) अकबरी लोटा – अन्नपूर्णानंद वर्मा
2 लाला झाऊलाल का मकान कहाँ था?(क ) लखनऊ में(ख) इलाहाबाद में(ग) काशी के ठठेरी बाज़ार में(घ) मथुरा में
3 पत्नी ने झाऊलाल से कितने रुपये माँगे?(क) दो सौ बीस रुपए(ख) ढाई सौ रुपए(ग) पाँच सौ रुपए(घ) हज़ार रुपए
4 लाला झाऊलाल के मकान में नीचे थीं-(क) दुकानें(ख) बाज़ार(ग) गलियाँ(घ) सड़कें ​

Answers

Answered by queenarpita13
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Answer:

1.Akbari lota Annapurnanandan verma.

2.kashi ke thatheri baazar me.

3. dhai sau rupee.

4. Dukan

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