लाला लाजपत राय देशवासियों मै किं कमियों को देखते है पर फिर भी वह उन्हें क्यों छोड़ नहीं पाते
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स्वतंत्रता सेनानी लाला लाजपत राय की आज जयंती है. वे एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे और उन्होंने साइमन कमीशन के खिलाफ बुलंद आवाज उठाई थी. साइमन कमीशन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हुए लाठीचार्ज में उनके सिर पर लाठी पड़ी, जिसके बाद उनका देहांत हो गया. उन्होंने पंजाब नेशनल बैंक की स्थापना में अहम भूमिका अदा की थी.
स्वतंत्रता सेनानी लाला लाजपत राय की आज जयंती है. वे एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे और उन्होंने साइमन कमीशन के खिलाफ बुलंद आवाज उठाई थी. साइमन कमीशन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हुए लाठीचार्ज में उनके सिर पर लाठी पड़ी, जिसके बाद उनका देहांत हो गया. उन्होंने पंजाब नेशनल बैंक की स्थापना में अहम भूमिका अदा की थी.लाला लाजपत राय ने स्कूली शिक्षा हरियाणा के रेवाड़ी में बने सरकारी स्कूल से हासिल की. यहां उनके पिता राधा कृष्ण उर्दू के शिक्षक थे. लाहौर के राजकीय कॉलेज से विधि की पढ़ाई करने के बाद उन्होंने लाहौर और हिसार में वकालत की. उन्होंने हिंदू अनाथ राहत आंदोलन की नींव रखी, ताकि ब्रिटिश मिशन अनाथ बच्चों को अपने साथ न ले जा सकें. साथ ही देश में व्याप्त छूआछूत के खिलाफ लंबी जंग लड़ी.
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वह देशवासियों में असंगठित, देशप्रेमहीन और अंधविश्वास की भावना देख कर निराश भले ही हों परंतु वह उन्हें नहीं छोड़ पाते क्योंकि वह सब भारत माता की संताने हैं और वह उस सबसे प्यार करते हैं।