लाल रंग और कुसुंबी रंग में क्या अंतर है
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लाल रंग मनुष्य के शरीर को स्वस्थ और मन को हर्षित करने वाला है. इससे शरीर का स्वास्थ्य सुधरता और मन प्रसन्न रहता है. यह पौरूष और आत्मगौरव प्रगट करता है. लाल टीका शौर्य एवं विजय का प्रतीक है. प्राय: सभी देवी-देवताओं की प्रतिमा पर लाल रोली का टीका लगाया जाता है.
Answer:
हिन्दू देवी-देवताओं में प्रयु्क्त रंगों के चुनाव में कुछ रंगों का निश्चित मनौवैज्ञानिक सांकेतिक अर्थ है. विविध रंग हमारे दैनिक जीवन में उपयोगिता के साथ-साथ ही नव-स्फूर्ति, सुंदरता और कल्याण का संदेश देते हैं. रंगों का स्वास्थ्य और मन पर प्रबल प्रभाव पड़ता है.
रंगों से जानें स्वभाव
रंगों से जानें स्वभाव
प्रज्ञा बाजपेयी
नई दिल्ली,
05 अप्रैल 2018,
अपडेटेड 11:25 AM IST
सभी रंग सूर्य की किरणों के प्रभाव से बनते हैं. सूर्य की किरणों में सभी रंगों का सम्मिश्रण है. सूर्य की छत्रछाया में अनेक प्रकार की वनस्पतियां तथा जीवधारी पनपते-बढ़ते हैं. उसी प्रकार हरा, लाल और नीला रंग ये मनुष्य को स्वस्थ, यशस्वी और गौरवशाली बनाने वाले हैं. हिन्दू देवी-देवताओं में प्रयु्क्त रंगों के चुनाव में कुछ रंगों का निश्चित मनौवैज्ञानिक सांकेतिक अर्थ है. विविध रंग हमारे दैनिक जीवन में उपयोगिता के साथ-साथ ही नव-स्फूर्ति, सुंदरता और कल्याण का संदेश देते हैं. रंगों का स्वास्थ्य और मन पर प्रबल प्रभाव पड़ता है. रंगों के आकर्षक वातावरण में मन प्रसन्न रहता है और उदासी दूर होती है. धार्मिक कार्यों में रोली-कुंकुम का लाल रंग, हल्दी का पीला रंग, पत्तियों का हरा, आटे का सफेद रंग प्रयोग में लाया जाता है. यह हमारे लिए स्वास्थ्यदायक, स्फूर्तिदायक और कल्याणकारी होता है.
रोगोपचार में विभिन्न रंग महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. लाल रंग की मुख्य विशेषता यह है कि वह स्नायु और रक्त की क्रियाशीलता को बढ़ाता है. एड्रीनल ग्रंथि एवं संवेदी तंत्रिकाओं को उत्तेजित करने का काम तो लाल रंग का होता ही है.
लाल रंग
लाल रंग मनुष्य के शरीर को स्वस्थ और मन को हर्षित करने वाला है. इससे शरीर का स्वास्थ्य सुधरता और मन प्रसन्न रहता है. यह पौरूष और आत्मगौरव प्रगट करता है. लाल टीका शौर्य एवं विजय का प्रतीक है. प्राय: सभी देवी-देवताओं की प्रतिमा पर लाल रोली का टीका लगाया जाता है.
हिन्दू धर्म में लाल रंग से उन्हीं देवी-देवताओं को सुसज्जित किया गया है, जो परम मंगलकारी, धन, तेज, शौर्य और पराक्रम को प्रगट करते हैं. उन देवताओं को शौर्यसूचक लाल रंग दिया गया है जिन्होंने अपने बाहुबल, अस्त्र-शस्त्र तथा शारीरिक शक्तियों से दुष्ट-दैत्यों या आसुरी प्रवृत्तियों को परास्त किया है.
हर्ष, खुशी के अवसर पर लाल रंग से ही स्पष्ट किए जाते हैं. विवाह, जन्म, विभिन्न उत्सवों पर आनंद की भावना लाल रंग से प्रगट होती है. नारी की मांग में लाल सिन्दूर जहां उसका सौंदर्य बढ़ाता है वहीं अटल सौभाग्य तथा पति प्रेम भी प्रगट करता है. हिन्दू तत्वद र्शियों ने सिंह वाहिनी भगवती दुर्गा को लाल रंग के वस्त्रों से सुसज्जित किया है. उनकी पूजा से आध्यात्मिक, दैहिक तथा भौतिक त्रितापों को दूर करने का विधान है. धन की देवी लक्ष्मीजी को भी मंगलकारी लाल वस्त्र पहनाए जाते हैं. लाल रंग धन, विपुल संपत्ति, समृद्धि और शुभ-लाभ को प्रकट करने वाला है.
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