Hindi, asked by deesanagar, 4 months ago

लालच बुरी बला है story in hindi

Answers

Answered by Anonymous
8

\huge\red{\underline{{\bf A }}} \: \huge\orange{\underline{{\bf n }}} \: \huge\green{\underline{{\bf s }}} \huge\blue{\underline{{\bf w }}} \: \huge\purple{\underline{{\bf e }}} \huge\pink{\underline{{\bf r}}}

एक पिता अपने दोनों बेटों से बहुत प्यार करते थे। यह सोच कि शहर चले जाएँ तो दोनों बेटों का भविष्य उज्जवल हो जाएगा, उन्होंने अपना पुश्तेनी घर बेच दिया। गांव में चोरियाँ बहुत हो रही थी इस लिए वो सारा पैसा उन्होंने एक खेत में गाड़ दिया। घर पहुँच कर घर बेचने की बात दोनों बेटों को बताई और यह भी बताया कि घर का नया मालिक एक दो दिन में यहाँ रहने आ जाएगा। इस लिए तैयारी करो शहर चलने की।

घर बिकने की बात सुन दोनों बेटों के मन में खोट आ गया। दोनों सोचने लगे की क्यों न मैं ही सारा पैसा हड़प लूँ। तरकीब सोचते हुए दोनों अपने पिता के पास गए और पूछा ” पर पैसा तो आप लाए नहीं।” पिता ने उत्तर दिया ” अरे, सारे पैसे मेरे पास हैं, तुम दोनों चिंता मत करो।”

रात को बड़ा बेटा उठा और सोते हुए पिता के सामान की तलाशी लेने लगा। तभी छोटा बेटा भी वहाँ पैसा ढूँढ़ते हुए पहुँच गया। एक दूसरे को देख दोनों घबरा गए। तब फुसफुसाते हुए दोनों ने तय किया कि इस बूढ़े पिता को साथ ले जा कर क्या करेंगे। क्यों न हम दोनों मिल कर पैसा ढूंढे। जब पैसा मिल जाएगा तो उसका बराबर बँटवारा कर शहर भाग जाएंगे।

उन्हें पता ही नहीं चला, पिता की नींद खुल गयी थी और वो उनकी सारी बातें सुन रहे थे।

अपनी पत्नी की मौत के बाद इतने प्यार से पाला था इन दोनों बेटों को और आज वही उसे धोखा दे रहे हैं।

अगले दिन उन्होंने सारा पैसा जमीन से निकाला और एक वृद्ध आश्रम को दान कर दिया। वो अपने बेटों की घृणित सोच से इतने दुखी हुए की उन्होंने फ़ौरन घर छोड़ दिया और साधू का वेश धारण कर गाँव से हमेशा के लिए चले गए।

दूसरे दिन नया मकान मालिक आया और उसने दोनों बेटों को घर से निकाल दिया।

अब दोनों के पास ना पिता था, ना घर था, और ना ही पैसा।

देखा आपने, लालच की वजह से दोनों के हाथ से पैसा भी गया और पिता का प्यार भी। तभी कहते हैं ” लालच बुरी बला है “

Answered by Khushboogoel1101
14

Answer:

एक गाँव में एक कुत्ता था| वह बहुत लालची था| वह भोजन की खोज में इधर – उधर भटकता रहा| लेकिन कही भी उसे भोजन नहीं मिला| अंत में उसे एक होटल के बाहर से मांस का एक टुकड़ा मिला| वह उसे अकेले में बैठकर खाना चाहता था| इसलिए वह उसे लेकर भाग गया| एकांत स्थल की खोज करते – करते वह एक नदी के किनारे पहुँच गया| अचानक उसने अपनी परछाई नदी में देखी| उसने समझा की पानी में कोई दूसरा कुत्ता है जिसके मुँह में भी मांस का टुकड़ा है।

उसने सोचा क्यों न इसका टुकड़ा भी छीन लिया जाए तो खाने का मजा दोगुना हो जाएगा| वह उस पर जोर से भौंका| भौंकने से उसका अपना मांस का टुकड़ा भी नदी में गिर पड़ा| अब वह अपना टुकड़ा भी खो बैठा| अब वह बहुत पछताया तथा मुँह लटकाता हुआ गाँव को वापस आ गया|

इस कहानी से शिक्षा :

लालच बुरी बला है| हमें कभी भी लालच नहीं करना चाहिए| जो भी इंसान लालच करता है वह अपनी लाइफ में कभी भी खुश नहीं रह सकता| हमें अपनी मेहनत या किस्मत का जितना भी मिल गया| उससे अपना काम निकालना चाहिए|

लेकिन अगर हम थोड़ा ज्यादा के चक्कर में लालच करेंगे तो हमारे पास अभी जितना है उससे भी हाथ धोना पड़ सकता है| इसलिए कहते है ज्यादा लालच अच्छा नहीं होता| अपने सुना ही होगा –माखी गुड़ में गड़ि रही, पंख रही लपटाय। तारी पीटै सिर धुनै, लालच बुरी बलाय।

Hope it helps!!!

Similar questions