लालच
बुरी बला है - विषय पर लगभग 100 - 120 शब्दों में एक लघु कथा लिखिए |
Answers
Answer:
लालची कबूतर
Explanation:
जंगल में एक बहुत बड़ा पेड़ था। उस पर दिन भर पक्षी बैठा करते थे। सारा दिन उन पक्षियों की चहक और मस्ती रहती थी। उस पक्षियों के झुंड में एक कबूतरों का झुंड भी था
ये देख एक पक्षियों के व्यापारी ने उन कबूतरों को पकड़ने की योजना बनाई। एक दिन जब सारे पक्षी आसमान में उड़ रहे थे तब उस व्यापारी ने उस पेड़ के नीचे एक जाल बिछा दिया और उस पर खूब सारे चावल के दाने बिखरा दिए। ये सब कर वो एक पेड़ के पीछे छुप गया और कबूतरों के आने का इंतज़ार करने लगा।
कुछ देर में कबूतर आए और पेड़ पर बैठ गए। आपस में बातें करते हुए उनकी नज़र जब जमीन पर पड़े चावल के दानों पर पड़ी तो सबका मन उन्हें खाने को हुआ। और सब उन दानों पर टूट पड़े। ये देख उनके सबसे बूढ़े और समझदार कबूतर को कुछ शक हुआ।
उसने आवाज लगाई कि सब चावल छोड़ फ़ौरन वापिस आजाओ। लेकिन चावल खाने के लालच में किसी ने उसकी बात नहीं मानी और मजे से चावल खाने लगे।
तभी पेड़ के पीछे छिपे व्यापारी ने रस्सी खींची और सब के सब कबूतर उस जाल में फँस गए। व्यापारी खड़ा हसने लगा।
लालच करने और अपने बुजुर्ग की बात ना मानने का नतीजा देख सब चिल्लाने लगे।
तभी कबूतरों के उसी बुजुर्ग ने सबको एक ही दिशा में पूरे जोर से उड़ने का आदेश दिया। फिर क्या था, सबने जोर लगाया और सारे कबूतर उस जाल को ही ले हवा में उड़ने लगे।
उड़ते उड़ते वो सब अपने पुराने दोस्त चूहे के पास पहुंचे। चूहे ने उस जाल को अपने दातों से काट कर सब कबूतरों को आज़ाद करवा दिया।
तभी कहते हैं, लालच बुरी बाला है। और अपने से बड़े की बात ना मानना कोई अच्छी बात नहीं। अगर कबूतरों ने अपने बुजुर्ग की बात मानी होती तो क्या जाल में फंसते। अपने से बड़ों की बात ध्यान से सुनो और उस सुझाव के अनुसार कार्य करो तो कोई परेशानी नहीं होगी।
Answer:
HEY MATE...
YOUR ANSWER..
एक गाँव में एक कुत्ता था| वह बहुत लालची था| वह भोजन की खोज में इधर – उधर भटकता रहा| लेकिन कही भी उसे भोजन नहीं मिला| अंत में उसे एक होटल के बाहर से मांस का एक टुकड़ा मिला| वह उसे अकेले में बैठकर खाना चाहता था| इसलिए वह उसे लेकर भाग गया| एकांत स्थल की खोज करते – करते वह एक नदी के किनारे पहुँच गया| अचानक उसने अपनी परछाई नदी में देखी| उसने समझा की पानी में कोई दूसरा कुत्ता है जिसके मुँह में भी मांस का टुकड़ा हैl
उसने सोचा क्यों न इसका टुकड़ा भी छीन लिया जाए तो खाने का मजा दोगुना हो जाएगा| वह उस पर जोर से भौंका| भौंकने से उसका अपना मांस का टुकड़ा भी नदी में गिर पड़ा| अब वह अपना टुकड़ा भी खो बैठा| अब वह बहुत पछताया तथा मुँह लटकाता हुआ गाँव को वापस आ गया|
Explanation:
HOPE THIS WILL HELP YOU...
HAVE A GREAT DAY AHEAD..