लोमड़ी और खट्टे अंगूर की कहानी
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जैसे-जैसे वह कदम आगे बढ़ाती, बाग से आने वाली महक और भी तेज होती जाती। उसने मन ही मन सोचा कि इस बाग में कुछ तो खास होगा, जो उसे खाने को मिलेगा। इसी सोच के साथ वह और तेजी से आगे बढ़ने लगी। जैसे ही वह बाग में पहुंची, तो उसने देखा कि बाग तो अंगूर की बेलों से लदा
Explanation:
हुआ है। सभी अंगूर पूरी तरह से पक चुके हैं। अंगूर देखकर उसकी आंखें चमक उठीं। अंगूरों की महक से उसने इस बात का अंदाजा लगा लिया कि अंगूर कितने रसदार और मीठे होंगे। वह इतनी उतावली हो चली कि मानो एक ही बार में बाग के सारे अंगूर खा जाएगी।
उसने झट से अंगूरों को लक्ष्य बनाकर एक लंबी छलांग मारी, लेकिन वह अंगूरों तक पहुंच नहीं सकी और धड़ाम से जमीन पर आ गिरी। उसका पहला प्रयास विफल हुआ। उसने सोचा क्यों न फिर से कोशिश की जाए।
वह एक बार फिर जोश से उठी और इस बार उसने अपनी पूरी ताकत से पहले से तेज अंगूरों की ओर छलांग लगा दी, लेकिन अफसोस कि उसका यह प्रयास भी बेकार गया। इस बार भी वह अंगूरों तक पहुं
पहुंचने में नाकामयाब रही, लेकिन उसने हार नहीं मानी। उसने खुद से कहा कि अगर दो प्रयास विफल हो गए तो क्या, इस बार तो सफलता मुझे मिलकर ही रहेगी।फिर क्या था, इस बार फिर वह दोगुने जोश के साथ खड़ी हुई। इस बार उसने अब तक की सबसे लंबी छलांग लगाने की कोशिश की। उसने अपने शरीर की सारी ताकत को एकत्र कर एक लंबी दौड़ लगाई। उसे लगा था कि इस बार उसे अंगूर पाने से कोई नहीं रोक सकता, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। इस बार का प्रयास भी खाली गया। वह जमीन पर आ गिरी।
फिर क्या था, इस बार फिर वह दोगुने जोश के साथ खड़ी हुई। इस बार उसने अब तक की सबसे लंबी छलांग लगाने की कोशिश की। उसने अपने शरीर की सारी ताकत को एकत्र कर एक लंबी दौड़ लगाई। उसे लगा था कि इस बार उसे अंगूर पाने से कोई नहीं रोक सकता, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। इस बार का प्रयास भी खाली गया। वह जमीन पर आ गिरी।इतने जतन करने के बावजूद वह एक भी अंगूर हासिल नहीं कर पाई। ऐसे में उसने अंगूर पाने की अपनी आस छोड़ और हार मान ली। अपनी विफलता को छिपाने के लिए उसने खुद ही बोला कि अंगूर खट्टे हैं, इसलिए इन्हें मुझे नहीं खाना।