लोमड़ी स्वेच्छा से शेर के मुँह में क्यों चली जा रही थी?
Answers
लोमड़ी शेर के मुँह में अपनी स्वेच्छा से इसलिए जा रही थी क्योंकि उसे पता चला था कि शेर के मुँह में रोजगार कार्यालय है। इसलिए वह रोजगार की तलाश में अर्जी देने शेर के मुँह में जा रही थी।
व्याख्या :
‘शेर’ कहानी में लेखक असगर वजाहत ने यहाँ पर लोमड़ी को बेरोजगारी का प्रतीक बताया है तथा शेर रोजगार कार्यालय का प्रतीक है। जिस तरह बेरोजगार व्यक्ति रोजगार की तलाश में रोजगार कार्यालय में अपनी अर्जी देने जाता है और फिर कार्यालय के चक्कर लगाते लगाते थक जाता है और उसका अस्तित्व समाप्त हो जाता है। उसी तरह शेर के मुँह में जया जानवर जाने के बाद वापस नहीं आता। यहाँ पर बेरोजगार व्यक्ति रोजगार कार्यालय जाकर अपना अस्तित्व तो नहीं समाप्त करता यानि वहाँ से वापस तो आता है लेकिन उसे इतने चक्कर लगाने पड़ते हैं कि उसका अस्तित्व ही समाप्त हो जाता है और उसे रोजगार नहीं मिलता।