Hindi, asked by sweta0657, 8 months ago

ल-न-पत्र लेखनमा एक
(मञ्जूषा) गागाः परीक्षाशवनात शिक्षानिदेशक मया
वार्षिकोत्सव कास्तारअसाकम योगरीय प्रियभिन्न
मिन​

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Answered by lavanya4737
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Answer:

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Explanation:

मधुबनी। प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने 113 शिक्षकों के प्रोन्नति आदेश को निरस्त कर दिया है। प्राथमिक शिक्षा निदेशक के द्वारा की गई इस कार्रवाई की सूचना जिला शिक्षा पदाधिकारी ने सभी संबंधितों को देने के लिए पत्र भी जारी कर दिया है। हालांकि प्राथमिक शिक्षा निदेशक द्वारा जारी आदेश के आलोक में डीईओ द्वारा एक बार अनुपालन के लिए पत्र जारी करना, फिर इस पत्र को निरस्त कर देना और इसके बाद पुन: पूर्व में जारी पत्र को प्रभावी बना देने से उहापोह की स्थिति बनती रही।प्राथमिक शिक्षा निदेशक द्वारा जारी आदेश में उल्लेख किया गया है कि डीएम, मधुबनी के पत्रांक 1034 दिनांक 30.07.2015 से प्राप्त अनुशंसा एवं जिला शिक्षा पदाधिकारी, मधुबनी के पत्रांक कैंप, पटना-02 दिनांक 26.08.2015 से प्राप्त प्रतिवेदन की समीक्षा की गई। समीक्षा के क्रम में डीईओ एवं डीपीओ (स्थापना), मधुबनी के संयुक्त हस्ताक्षर से निर्गत आदेश ज्ञापांक 1986 दिनांक 29.06.2013 में कई त्रुटियां पाई गई। प्रोन्नति समिति की अनुशंसा से प्रोन्नति देने के उपरांत प्रोन्नति को स्थगित करने हेतु समिति की अनुशंसा आवश्यक है, जिसका अनुपालन नहीं किया गया। प्रोन्नति को स्थगित करने के उपरांत उक्त आदेश को विलोपित करने एवं प्रोन्नत शिक्षक के पदस्थापन की कार्रवाई बिना प्रोन्नत समिति के अनुशंसा से किया जाना नियमानुकूल नहीं है। सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश ज्ञापांक 11218 दिनांक 12.08.2014 जिसके तहत विभागीय प्रोन्नति समिति को अगले आदेश तक स्थगित किया गया है, के प्रभावी रहने के बावजूद उक्त प्रोन्नत-पदस्थापन आदेश निर्गत किया जाना नियमानुकूल नहीं है। प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने अपने आदेश में उल्लेख किया है कि उक्त स्थिति में प्रोन्नति समिति की दिनांक 30.07.2013 के बैठक में लिए गए निर्णय के क्रम में डीपीओ-स्थापना तथा डीईओ, मधुबनी के संयुक्त हस्ताक्षर से निर्गत कार्यालय आदेश ज्ञापांक 1981 दिनांक 27.06.2015 को निरस्त किया जाता है। साथ ही प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने यह भी आदेश दिया है कि बिहार राज्यकीयकृत प्रारंभिक विद्यालय शिक्षक प्रोन्नति नियमावली-2011 के प्रावधान के तहत गठित जिलास्तरीय प्रोन्नति समिति के स्तर पर सक्षम प्राधिकार से अनुमति प्राप्त कर नियमानुकूल प्रोन्नति की कार्रवाई सुनिश्चित करें। प्राथमिक शिक्षक ने उक्त आदेश की प्रति आवश्यक कार्रवाई हेतु डीएम, डीईओ, डीपीओ-स्थापना तथा क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक, दरभंगा को भेज दिया।प्राथमिक शिक्षा निदेशक के उक्त आदेश के आलोक में डीईओ ने ज्ञापांक 115 (एल) दिनांक 10.09.2015 के द्वारा सभी बीईओ को निदेश दिया कि उक्त मामले में अपने प्रखंड से संबंधित प्रतिवेदन तीन दिनों के अंदर डीपीओ-स्थापना के कार्यालय को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। साथ ही उक्त आदेश की सूचना आवश्यक कार्रवाई हेतु मधुबनी व झंझारपुर के कोषागार पदाधिकारियों, सभी डीडीओ, संबंधित एचएम व प्रभारी एचएम को भी आवश्यक कार्यार्थ भेज दिया। लेकिन बाद में डीईओ ने अपने ही हस्ताक्षर से निर्गत ज्ञापांक 115 (एल) दिनांक 10.09.2015 को ज्ञापांक 2075 दिनांक 11.09.2015 के तहत जारी आदेश से निरस्त कर दिया। ज्ञापांक 115 (एल) दिनांक 10.09.2015 को निरस्त करने का बहाना विस चुनाव को लेकर आदर्श आचार संहिता के प्रभावी रहने तथा उच्च न्यायालय में मामला लंबित रहने को बनाया गया। साथ ही आदेश दिया कि पूर्व की तरह वेतन भुगतान संचालित रहेगा। आर्दश आचार संहिता समाप्त होने के बाद प्राथमिक शिक्षा निदेशक द्वारा उल्लेखित त्रुटियों का निराकरण जिला प्रोन्नति समिति के स्तर से किया जाएगा। इसके बाद डीईओ ने पुन: ज्ञापांक 138 (एल) दिनांक 12.09.2015 के द्वारा कार्यालय आदेश जारी कर ज्ञापांक 115 (एल) दिनांक 10.09.2015 के तहत जारी आदेश को प्रभावी बनाते हुए ज्ञापांक 2075 दिनांक 11.09.2015 के तहत जारी आदेश को निरस्त कर दिया। जिस कारण बीच-बीच में उहापोह की स्थिति बनती रही। बताया जा रहा है कि जिन 113 शिक्षकों को प्रोन्नति हेतु आदेश जारी किया गया था, वे सभी विज्ञान शिक्षक थे। जिस कारण कला शिक्षकों में असंतोष व्याप्त हो गया। लिहाजा इस मामले को लेकर एक शिक्षक अरूण कुामर चौधरी ने डीएम के पास परिवाद पत्र दाखिल किया। जांचोंपरांत डीएम ने 113 शिक्षकों के प्रोन्नति आदेश का नियमानुकूल नहीं पाकर शिक्षा विभाग से इसे निरस्त करने की अनुशंसा कर दी। डीएम के अनुशंसा पर ही प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने 113 शिक्षकों के प्रोन्नति आदेश को निरस्त कर दिया।

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