Hindi, asked by umeshpatel2031, 6 months ago

लो पुरुष सरदार पटेल के चारित्रिक गुणों का वर्णन कीजिये​

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Answered by Anonymous
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महात्मा गांधी भी उनके धैर्य और कार्यकुशलता के मुरीद रहे। अब बात ये कि उनको लौह पुरुष क्यों कहा जाता है। साफ तौर पर इसकी वजह उनकी प्रशासनिक क्षमता और अद्भुत दृढ़ निश्चयी होना है। देश जब आजाद हुआ तो उस वक्त 565 रियासतें थीं।

Answered by mukeshn77
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Answer:

सरदार पटेल और नेहरू के विचारों में काफी मतभेद था फिर भी गांधी से वचनबद्ध होने के कारण वे नेहरू को सदैव सहयोग देते रहे। गंभीर बातों को भी वे विनोद से कह देते थे। कश्मीर की समस्या को लेकर उन्होंने कहा था, सब जगह तो मेरा वश चल सकता है पर जवाहरलाल की ससुराल में मेरा वश नहीं चलेगा।

उनका यह कथन भी कितना सटीक था भारत में केवल एक व्यक्ति राष्ट्रीय मुसलमान है- जवाहरलाल नेहरू शेष सब सांप्रदायिक मुसलमान हैं। 15 दिसंबर 1950 को प्रातःकाल 9.37 पर इस महापुरुष का 76 वर्ष की आयु में निधन हो गया, जिसकी क्षति पूर्ति होना दुष्कर है। यह की सच है कि गांधी ने कांग्रेस में प्राणों का संचार किया तो नेहरू ने उस कल्पना और दृष्टिकोण को विस्तृत आयाम दिया। इसके अलावा जो शक्ति और संपूर्णता कांग्रेस को प्राप्त हुई वह सरदार पटेल की कार्यक्षमता का ही परिणाम था। आपकी सेवाओं, दृढ़ता व कार्यक्षमता के कारण ही आपको लौहपुरुष कहा जाता है।

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