Hindi, asked by Zags, 1 month ago

लुप्त होते ग्रामीण कला पर अपने विचार व्यक्त कीजिए​

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Answered by roymishti54
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लुप्त होती लोक कलाओं को गंभीरता से लेना जरूरी : डॉ. बनवारी लाल

अमर उजाला ब्यूरो

रेवाड़ी। हरियाणा कला परिषद, मल्टी आर्ट कल्चर सेंटर कुरुक्षेत्र एवं जीनियस सांस्कृतिक संस्था रेवाड़ी के तत्वावधान में आयोजित सात दिवसीय नाट्य एवं लोक कला उत्सव मेले का शुभारंभ बाल भवन रेवाड़ी में सोमवार को हरियाणा के जनस्वास्थ्य अभियान्त्रिकी मंत्री डॉ. बनवारी लाल ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस दौरान डॉ. बनवारी लाल ने कहा कि नाट्य एवं लोक कला जिनमें से कुछ कलाएं लुप्त होती जा रही हैं। यदि इन्हें गंभीरता से नहीं लिया तो समय के साथ साथ ये लुप्त हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने स्वर्ण जयंती के उपलक्ष्य में इस प्रकार के नाट्य एवं कला उत्सव का आयोजन कराकर बहुत ही सराहनीय कार्य किया है इससे हमारी लोक कलाएं व संस्कृति जीवित रह सकेंगी। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के उत्सवों से कलात्मक प्रतिभा को पहचानना, उसे पौषित करना व प्रस्तुत करना करने में मदद मिलती है। मंत्री ने कहा कि कला उत्सव की परिकल्पना एक समन्वित मंच उपलब्ध कराने का प्रयास है। जहां बच्चे अपनी क्षमताओं का उत्सव मनाते हैं। इससे बच्चों को अपनी छिपी हुई प्रतिभाओं को दिखाने का बेहतर अवसर मिलेगा। जिला भाजपा अध्यक्ष योगेन्द्र पालीवाल ने इस अवसर पर कहा कि बच्चों की प्रतिभा को उभारने और निखारने के लिए जो प्रयास किया गया है। इससे निश्चित ही इन बच्चों को जीवन में आगे बढ़ने में मदद मिलेगी। कला उत्सव में राष्ट्रीय गीत, हरियाणवी सांस्कृतिक कार्यक्रम, सरस्वती वंदना, हरियाणवी समूह नृत्य, रांगनी, एकल नृत्य, युगल नृत्य आदि प्रस्तुत किए गए, जिसका दर्शकों ने खूब लुफ्त उठाया। इस अवसर पर जीनियस सांस्कृतिक संस्था के अध्यक्ष मदन डागर, उपाध्यक्ष भगवान सिंह, सचिव झम्मन सिंह, सहसचिव अजय भाटिया, सतीश मस्तान आदि लोग उपस्थित थे।

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