L-R परिपथ में धारा की वृद्धि एंव क्षय किस पुकर होईन व्याख्या की जिए। details
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आरएलसी परिपथ (RLC circuit) से अभिप्राय उस परिपथ से है जो प्रतिरोध (R), प्रेरकत्व (L) तथा संधारित्र (C) के श्रेणीक्रम या समान्तरक्रम संयोजन (connection) से बना हो। यह संयोजन वास्तव में LC दोलित्र (आसिलेटर) की तरह का एक हार्मोनिक फिल्टर है जिसमें R की उपस्थिति दोलनों का क्षय (damp) करती है। दूसरे शब्दों में यह कह सकते हैं कि शुद्ध LC परिपथ, RLC परिपथ का एक विशेष रूप (या शुद्ध रूप) है जिसमें प्रतिरोध (या डम्पिंग) शून्य हो।
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