Social Sciences, asked by sharmaarman953, 7 months ago

लॉर्ड डलहौजी ने अंग्रेजी साम्राज्य के विस्तार के लिए लैब्स की नीति युद्ध नीति दोषपूर्ण शासन प्रबंध और उपाधि के पेंशन बंद करने की नीति अपनाई यह बताओ कि उनसे दोषपूर्ण शासन प्रबंध का दोष लगा कर किस राज्य को अंग्रेजी साम्राज्य में मिला लिया​

Answers

Answered by shishir303
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इसका सही जवाब है...

अवध राज्य

स्पष्टीकरण:

लॉर्ड डलहौजी ने अंग्रेजी साम्राज्य के विस्तार के लिए लैब्स की नीति युद्ध नीति, दोषपूर्ण शासन प्रबंध और उपाधि की पेंशन बंद करने की नीति अपनाई। लार्ड डलहौजी ने दोषपूर्ण शासन प्रबंध का दोष लगा कर अवध राज्य को अंग्रेजी साम्राज्य में मिला लिया​।

लॉर्ड डलहौजी जो लॉर्ड हार्डिंग की जगह पर 1848 में भारत का गवर्नर जनरल बना था, उसका मुख्य उद्देश्य ब्रिटिश साम्राज्य का विस्तार करना था और अपने इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए उसने अनेक तरह के उपाय आजमाये और अनेक तरह की नीतियां और सिद्धांत लागू किये।

लॉर्ड डलहौडी ने व्यपगत का सिद्धांत (The Doctrine of Lapse) लागू किया इस सिद्धांत के तहत उसने कुछ महत्वपूर्ण रियासतों को ब्रिटिश साम्राज्य में मिला लिया। लॉर्ड डलहौजी का व्यपगत का सिद्धांत मुख्य रूप से ब्रिटिश साम्राज्य विस्तार के लिए किया गया सिद्धांत था। उसने हिंदू रियासतों में गोद लिए गए पुत्रों को सत्ता के हस्तांतरण करने से मना कर दिया और उसकी आड़ में रियासतों को ब्रिटिश साम्राज्य में मिला लिया। उसने उपाधियों को दी जाने वाली पेंशन को भी बंद कर दिया। इसी प्रक्रिया में उसने पेशवा बाजीराव की मृत्यु के बाद उनके दत्तक पुत्र नानासाहेब को पेंशन देने से भी मना कर दिया था।

लॉर्ड डलहौजी ने 1856 में अवध रियासत को व्यपगत का सिद्धांत के अन्तर्गत दोषपूर्ण शासन प्रबंध का दोष लगाकर और अच्छे प्रशासन की देने की आड़ में ब्रिटिश साम्राज्य में विलय कर लिया।

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