लेंस की क्षमता का सूत्र
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किसी लेंस द्वारा प्रकाश की किरणों को अभिसरण या अपसरण करने के की मात्रा को लेंस की क्षमता कहते हैं।
किसी लेंस की प्रकाश की किरणों को अभिसरण या अपसरण करने की मात्रा फोकस दूरी के ब्युत्क्रमानुपाती होता है। अर्थात फोकस दूरी के बढ़ने के साथ साथ लेंस के अभिसरण या अपसरण करने की मात्रा घटती है तथा फोकस दूरी घटने के साथ लेंस के अभिसरण या अपसरण करने की क्षमता बढ़्ती है।
दूसरे शब्दों में लेंस जिसकी फोकस दूरी ज्यादा होगी, वह प्रकाश की किरणों को कम अभिसारित या अपसारित त करता है, तथ छोटी फोकस दूरी वाला लें प्रकाश की कीरणों का अभिसरण या अपसरण सापेक्ष रूप से अधिक मात्रा में करता है।
Example: एक छोटे फोकस दूरी वाला उत्तल ताल (लेंस) बड़ी फोकस दूरी वाले उत्तल ताल (convex lens) प्रकाश की किरणों बड़े कोण पर अंदर की ओर मोड़ता है। उसी तरह छोटे फोकस दूरी वाला अवतल ताल, बड़ी फोकस दूरी वाले अवतल ताल (concave lens) की अपेक्षा प्रकाश की किरणों को बड़े कोण पर बाहर की ओर मोड़ता है।
किसी लेंस की क्षमता (power) को अंगरेजी के अक्षर P से निरूपित किया जाता है।
power of a lens
लेंस की क्षमता (Power) का एस. आई. मात्रक dioptre है, इसे को D से निरूपित किया जाता है।
यदि फोकस दूरी (f) को मीटर में (m) लिया जाता है, तो लेंस की क्षमता डायोप्टर D (dipoter) में व्यक्त की जाती है।
1 डाइऑप्टर (dipoter) उस लेंस की क्षमता है जिसकी फोकस दूरी 1 मीटर (meter) हो।
अत:, 1D=1m−
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