Social Sciences, asked by uravi776, 3 days ago

लंदन को 17 वी शताब्दी में फर्निशिंग सेंटर क्यों कहा जाता है ​

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Answered by seemapateljuly
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Answer:

गाओं और शहरों का संबंध -आदि औधोगिकरण से गाँव और शहर में घनिष्ठ समबंध स्थापित हुआ | व्यापारियों शहरों में निवास करते थे ,परन्तु उत्पादन वे गाओं से करवाते थे | उत्पादन पर नियंत्रण रखने के लिए वे गाँव आया -जाया करते थे | वे वहां से उत्पादित सामान शहर ले जाते थे और उसे बेचते थे | इंग्लैंड में कपडा व्यवसाय इसी प्रकार होता था | व्यापारियों वैसे लोगों से ,जो रेशों के हिसाब से ऊँन छंटते थे (स्टेपलर्स ),ऊन खरीदते थे | इस ऊन को वे सूट काटनेवाले तक पहुंचते थे | तैयार धागा वस्त्र बुननेवाले ,चुन्नटों के सहारे कपड़ा समटनेवाले (फूलर्ज )और कपड़ा रँगनेवाले (रंगसाजों०के पास ले जाया जाता था | रंगा हुआ वस्त्र लन्दन पहुंचता था जहाँ उसकी फिनिशिंग होती थी | इसलिए ,लन्दन को फिनिशिंग सेंटर कहा जाता था |

Answered by mapooja789
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Given : 17 वी शताब्दी में लंदन को फर्निशिंग सेंटर क्यों कहा जाता है

Answer:

लंदन को 17वीं शताब्दी को फर्निशिंग सेंटर इसलिए कहा जाता था क्योकि जब बुनकरों द्वारा कपड़े को तैयार कर लिया जाता था तो उन कपड़ों को फिनिशिंग के लिए लंदन भेज दिया जाता था उसके बाद निर्यातक व्यापारी कपड़े को अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में बेच देते थे इसलिए लंदन को फिनिशिंग सेंटर के रूप में कहा जाने लगा |

Explanation:

इस व्यवस्था से गाँवों और शहरों के बीच एक घनिष्ठ संबंध विकसित हुआ | सौदागर रहते तो शहरों में थे लेकिन उनका काम ज़्यादातर देहात में चलता था। इंग्लैंड के कपड़ा व्यवसायी स्टेप्लर्स (Staplers) से ऊन खरीदते थे और उसे सूत कातने वालों के पास पहुँचा देते थे। इससे जो धागा मिलता था उसे बुनकरों, फुलर्ज ( Fullers), और रंगसाज़ों के पास ले जा कर दे दिया जाता था ।जब बुनकरों द्वारा कपड़े को तैयार कर लिया जाता था तो उन कपड़ों को फिनिशिंग के लिए लंदन भेज दिया जाता था उसके बाद निर्यातक व्यापारी कपड़े को अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में बेच देते थे ।

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#SPJ3

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