Hindi, asked by powarpooja026, 10 months ago

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Answered by pratikishu
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Answered by Anonymous
2

Answer:

अंधों में काना राजा – मूर्खों में अल्पज्ञ की प्रतिष्ठा

अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता – अकेला आदमी कोई बड़ा काम नहीं कर सकता

अधजल गगरी छलकत जाय – थोड़ी विद्या या थोड़ा धन पानेवाला व्यक्ति धमडी होता हैं

अब पछताये होत क्या जब चिड़ियाँ चुग गयी खेत – मौका चूक जाने पर पछताना बेकार हैं

आँख का अंधा गाँठ का पूरा – मूख धनी

आगे नाथ न पीछे पगहा – बिल्कुल स्वतंत्र, मनमानी करनेवाला, उछूखल

आधा तीतर आधा बटेर – पूरी तरह से किसी एक तरफ नहीं

आम का आम गुठली का दाम – सभी प्रकार से लाभ होना, दूना लाभ उठाना

आप भला तो जग भला – खुद अच्छा तो सभी अच्छे

आँख का अंधा नाम नयनसुख – गुण के विपरीत नाम

आसमान से गिरा खजूर पर अटका – एक मुसीबत से निकलकर दूसरी मुसीबत में पड़ना

आगे कुआँ पीछे खाई – चारों तरफ मुसीबत, दुविधा की स्थिति

ईंट का जवाब पत्थर – ठोस उत्तर

उलटा चोर कोतवाल को डाँटे – कसूरवार स्वयं कसूर पकड़नेवाले को डाँटे

ऊँट के मुँह में जीरा – जरूरत से बहुत कम

ऊँची दुकान फीका पकवान – सिर्फ बाहरी दिखावा

काला अक्षर भैंस बराबर – अक्षर ज्ञान से बिल्कुल शून्य

का बरखा जब कृषि सुखाने – अवसर बीत जाने पर साधन बेकार हो जाते हैं

खोदा पहाड़ निकली चुहिया – परिश्रम की तुलना में फल बहुत कम

जो गरजते हैं वो बरसते नहीं – जो बहुत बोलता हैं वह काम कम करता है

गुड खाये गुलगुले से परहेज – दिखावटी परहेज

गुरु गुड़ चेला चीनी – गुरु से चेला तेज

घर का भेदी लंका ढाहे – आपसी फूट सबसे बड़ी कमजोरी हैं

घर की मुर्गी दाल बराबर – सहज प्राप्त वस्तु को आदर नहीं मिलता

चोर की दाढ़ी में तिनका – दोषी हमेशा चौकन्ना रहता हैं

जिसकी लाठी उसकी भैंस – ताकतवर की जीत

जैसी करनी वैसी भरनी – जैसा काम वैसा फल

डूबते को तिनके का सहारा – असहाय के लिए थोड़ी सहायता भी काफी होती हैं

दूध का जला मट्ठा भी फूंक फूंक कर पीता है – एक बार धोखा खाने के बाद आदमी हमेशा सतक रहता है

देशी मुर्गी विलायती बोल – बेमेल

दूर के ढोल सुहावने – दूर की वस्तु के प्रति अधिक आकर्षण होता है

धोबी का कुत्ता न घर का न घाट का – किसी काम का ना रहना

नेकी और पूछ पूछ – भलाई करने के लिए किसी की अनुमति की आवश्यकता नहीं होती

नौ की लकड़ी नब्बे खर्च – थोड़े फायदे के लिए अधिक खच

पाँचों औगुलियाँ घी में – चारों तरफ से लाभ होना

बन्दर क्या जाने आदी (अदरख) का स्वाद – मुर्ख गुण की यहचान नहीं कर सकता

बिल्ली के गले में घंटी – कठिन काम पूरा करना

भई गति साँप छुछुदर केरी – दुविधाजनक स्थिति

रस्सी जल गयी पर ऐंठन न गयी – पतन होने के बाद भी घमंड

सौ चूहे खा के बिल्ली चली हज को – अत्यधिक पाप करने के बाद दिखावटी भक्ति

साँप भी मरा लाठी भी न टूटी – बिना किसी नुकसान के काम बन जाना

हाथ कगन की अरसी क्या – प्रतक्ष्य को प्रमाण की आवशयकता नहीं होती

होनहार बिरवान के होत चीकने पात – होनहार के लक्षण बचपन से ही प्रकट होने लगते हैं

अंधे के हाथ बटेर – मूर्ख के हाथ मूल्यवान वस्तु

अंधे के आगे रोना – अन्यायी से न्याय माँगना

अकल बड़ी या भैंस – बुद्धि बल से बड़ी है

अटकल पच्चे डेढ़ सौ – निराधार जवाब

अपनी डफली अपना राग – सबका अपनी अपनी मर्जी से काम करना

अपना दही खट्टा कौन कहेगा – अपनी चीज सबको अच्छी ही लगती है

अशर्फियों की लूट कोयले पर छाप – मूल्यवान वस्तु को छोडकर तुक्ष वस्तु पर ध्यान देना

आप डूबे तो जग डूबा – बुरा औादमी सबको बुरा समझता है

आये थे हरिभजन को ओटन लगे कपास – पूर्वनिश्चित कार्य को छोड़कर अनिश्चित में लगना

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