Hindi, asked by simran6779, 11 months ago

laaton ke bhoot Baaton Se nahi mante likho qty in Hindi​

Answers

Answered by arpita8137
6

बचपन में यह कहावत सुनी थी, लेकिन जैसे-जैसे बड़ी हुई तो इस कहावत के प्रमाण भी मिलने लगे। बचपन में लगता था कि भूत-वूत तो कुछ भी नहीं होता तो फिर उन्हें मनाना कैसा! धीरे-धीरे समझ आने लगा कि ‘भूत’ शब्द का इशारा किन की ओर था।

 

कल हुए एक अनुभव से यह कहावत फिर से ज़हन में उतर आई। दरअसल, हुआ यह कि मैं रिठाला मेट्रो वॉक के बाहर ऑटो के इंतज़ार में खड़ी थी। तभी एक ऑटो वाला आया और उसने मुझसे पूछा, ‘कहां जाना है?’

 

मैंने जगह बताई, तो वह छूटते ही बोला, ‘पचास रुपए।’ मैंने मीटर चलाने को कहा तो पहले उसने मना कर दिया… बाद में बोला कि मीटर खराब है।

 

खैर, मैं झगड़ने के मूड में नहीं थी… सो आगे बढ़ गई। कुछ दूर चलकर गई तो देखा कई सारे ऑटो थे। मैं वहां गई। सभी ऑटो वाले ग्रुप में खड़े थे। मैंने चलने की जगह बताते हुए पूछा, ‘कौन चलेगा?’

 

फिर से वही हुआ। सभी ऑटो वालों ने कहा, ‘पचास रुपए।’ मैंने पलटकर जवाब दिया, ‘मैंने जगह बताई है और चलने के लिए पूछा है। पैसे कितने लगेंगे, यह नहीं पूछा।’

 

सभी ने फिर से एक स्वर में कहा, ‘मैडम, पैसे तो इतने ही लगेंगे। आपको जाना है, तो बताओ!’

 

मैंने मीटर से चलने के लिए कहा, तो एक ऑटो वाले ने जवाब दिया, ‘मीटर से कोई नहीं जाएगा।’ मेरे दोबारा पूछने पर भी वह अपनी बात की जोरों से पहरेदारी करता रहा।

 

मैंने सभी ऑटों वालों से दोबारा पूछा ‘कोई नहीं जाएगा न फिर?… पक्का!’ सभी का फिर से एक स्वर में जवाब मिला, ‘नहीं!’

 

बस, फिर मैंने किसी से भी बहस किए बिना 100 नंबर पर कॉल किया और बोलना शुरू किया। मैंने ऑटो वालों की गुंडागर्दी को बयान करते हुए ऑटो के नंबर नोट कराने शुरू किए। चुपचाप सभी ऑटो वाले मुझसे माफी मांगते हुए बात को यहीं खत्म करने की गुज़ारिश करने लगे। लेकिन मैंने पुलिस वाले की ऑटो चालक से बात कराई और अपनी सेफ्टी की ज़िम्मेदारी भी उन पर ही सौंपी।

 

कल जहां एक ओर अन्ना हजारे जंतर मंतर पर भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ाई लड़ रहे थे, वहीं दूसरी ओर मुझे भ्रष्टाचार के एक छोटे से नमूने का सामना करना पड़ा। आज भ्रष्टाचार छोटे-छोटे स्तर पर इस कदर फैल चुका है कि वह हमें अपने विरुद्ध लड़ने ही नहीं देता। भ्रष्टाचार करने वाला ही भ्रष्ट नहीं होता, उसे समर्थन देने वाला और इसके विरुद्ध लगाम लगाकर बैठने वाला भी भ्रष्ट ही है। हमें इससे लड़ने के लिए विकल्प दिए जा रहे हैं, लेकिन हम उनका इस्तेमाल नहीं करते… बल्कि और-और विकल्प की मांग करते रहते हैं।

 

Answered by tannapriyam
3

Explanation:

लातों के भूत बातो से नहीं मानते

अशह करता हु के ये जवाब आपको मदद करे।

Similar questions