Hindi, asked by Snehasonu3450, 1 year ago

ladka ladki ek samaan par niband i want this niband pls

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Answered by DhruvSharma009
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हम अपनी सोच नहीं बदल पाते हैं इसलिए हम पीछे रह जाते हैं,आज हमारे समाज मैं अगर लड़का लड़की को एक समान समझा जाए तो हमारा देश का विकास होगा, आज हमारे समाज में लड़कियों को लड़कों के समान नहीं समझा जाता इसलिए हमने यह आर्टिकल
और अपने जीवन में कुछ बदलाव लाते है.

हमारे समाज में शुरुआत से ही लड़कियों को,महिलाओं को उचित स्थान नहीं दिया गया है दरअसल ज्यादातर लोग लड़कों को महत्व देते हैं और लड़कियों को कमजोर समझते हैं यह हमारी,हमारे समाज की बेकार सोच है,ये हमारे समाज को पीछे रखती है आज हमारे देश में लड़का लड़की एक समान है.लड़के लड़कियों में सिर्फ थोड़ा सा शारीरिक अंतर होता है लेकिन दूसरी तरफ वह हर वह कर सकती है जो एक लड़का कर सकता है.हमें लड़के लड़कियों को एक समान समझना चाहिए और लड़की के पैदा होने पर दुख नहीं बल्कि खुशी मनाना चाहिए.
आज हमारे समाज में देखा गया है कि लोग लड़कों को कुछ अच्छी शिक्षा दिलवाने के लिए बहुत इन्वेस्ट करते हैं वहीं दूसरी ओर बहुत ही कम लोग होते हैं जो लड़कियों को उच्च शिक्षाएं दिलवाते हैं क्योंकि शायद उन लोगों को लड़की बोझ लगने लगी है.

हमको समझना चाहिए की लड़की मां है लड़की बहन है लड़की देवी का अवतार है.लड़कियों को लड़को के समान समझ कर सब कुछ करने की आजादी देना चाहिए जिससे एक लड़की भी हमारे देश के लिए कुछ अच्छा,कुछ बड़ा कर सके इससे हमारा देश लगातार प्रगति के मार्ग पर अग्रसर हो सकेगा.
शुरुआत से ही लड़के लड़कियों को स्कूल में लगभग एक सी शिक्षा दी जाती है,पालन पोषण किया जाता है उसमें कोई ज्यादा अंतर नहीं है फिर भी आजकल के लोग लड़कियों को लड़कों से कम समझते हैं और उन्हें समाज में लड़कों की तरह कुछ खास करने के लिए आजादी नहीं देते हैं.

हमारे देश में शुरू से ही एक महिला घर के कामकाज करती है यह बहुत अच्छी बात है लेकिन अगर कोई महिला इस से हटकर कुछ बहुत अच्छा कुछ बड़ा करना चाहे तो उसे करने देना चाहिए.हर पुरुष का कर्तव्य होता है कि वह अपनी पत्नी की इच्छाओं को पूरा करें,हमारे देश में लड़का लड़की एक समान है लेकिन समाज के कुछ लोग ये समझने के लिए तैयार नहीं है.हमारे देश में बहुत सी ऐसी महिलाएं हैं जिन्होंने अपने देश का नाम ऊंचा किया है जिन्होंने साबित किया है कि अगर वह भी चाहें तो दुनिया में कुछ अच्छा कर सकती है कुछ बड़ा कर सकती है अपने देश का नाम पूरे विश्व में फैला सकती हैं उन महिलाओं ने अपने देश के हित के लिए बहुत कुछ किया है और एक पुरुष से भी आगे बढ़कर इस बात को साबित किया है कि महिला किसी से कम नहीं,एक लड़की किसी से कम नहीं.अगर बह चाहे तो एक ऐसा मुकाम पा सकती है कि लोग उसे हमेशा याद करते रहेंगे.

कुछ महिलाओं के नाम मैं आपको बताने वाला हूं जिन्होंने यह मुकाम हासिल किया है जैसे कि महारानी लक्ष्मी बाई जिन्होंने अपने देश के लिए बहुत कुछ किया था.झांसी की रानी लक्ष्मीबाई जैसी महिला से हर उस महिला या पुरुष को सीख मिलती है जो लड़की को कमजोर समझते हैं.महारानी लक्ष्मीबाई ने अच्छे अच्छों के छक्के उड़ा दिए थे.
लड़का लड़की एक समान है यह साबित किया है हमारे देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने.जो हमारे देश की पहली महिला प्रधानमंत्री हैं.एक महिला होकर इतने बड़े मुकाम तक पहुंचना यह साबित करता है की लड़का लड़की एक समान है,एक लड़की भी वह कर सकती है जो एक लड़का कर सकता है यह बात बहुत सी जगह देखने को मिलती है.आज हर देश में बहुत सी लड़कियां पुलिस इंस्पेक्टर हैं बहुत सी लड़कियां कलेक्टर हैं वह हर एक क्षेत्र में आगे हैं.चाहे वह पढ़ाई का क्षेत्र हो या वह खेलकूद का क्षेत्र हो.हर एक क्षेत्र में लड़की लड़के से कमजोर नहीं है.लड़का लड़की एक समान है लड़कियों ने भी यह साबित किया है.हर एक मां-बाप को लड़की पैदा होने पर गर्व करना चाहिए क्योंकि लड़का सिर्फ एक परिवार संभालता है लेकिन एक लड़की दो दो परिवारों की जिम्मेदारी अपने हाथ में लेती है.

आज हमारे देश में बहुत सी जगह देखा गया है कि महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा की जाती है आखिर क्यों? क्या वह अपनी जिंदगी जीने के लिए एक पुरुष की तरह स्वतंत्र नहीं है? हम सभी को मिलकर लड़कियों को समाज में उचित स्थान देना चाहिए जिससे हमारे देश का विकास हो.

एक लड़की को शुरुआत से ही बहुत सारी मुसीबतों का सामना करना पड़ता है जब एक लड़की जन्म लेती है तो मां-बाप उसे बोझ समझते हैं,जब एक लड़की की शादी होती है तो वह अपने एक परिवार को छोड़कर अपने दिल पर बोझ रखकर दूसरे परिवार में जाती है उसको बहुत दुख होता है जब वह दूसरी परिवार में जाती है और अगर वहां पर उसके साथ घरेलू हिंसा होती है तो ये क्या है.यह तो नारी जाती का अपमान है हमें लड़के लड़कीयो को एक समान समझना चाहिए,हमें लड़कियों का बोझ ना समझते हुए पुरुषों के समान अपने खुद के फैसले लेने का अधिकार देना चाहिए तभी हमारा देश आगे बढ़ सकता है.दोस्तों हमारे समाज में लड़कियों की संख्या लगातार कम होती जा रही है.कुछ जातियों में तो लड़कियों की संख्या बहुत ज्यादा कम हो चुकी है अगर हम ऐसे ही लड़की के जन्म पर खुशी मनाने के बजाए दुख मनाते रहे या फिर लड़के-लड़कियों को समान ना समझते हुए उन्हें आगे बढ़ाने का प्रयत्न नहीं किया तो हमारा देश पीछे रह जाएगा.
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