Hindi, asked by karnikasaxenabehappy, 8 months ago

laghu Katha in hindi​

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Answered by pragyapagare3
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पुजारी की भुल

कोलपुर नामक गाव मे एक पुजारी रहता था। वह बहुत शिष्टाचारी था। एक दिन उसके मन मे आया की बहुत दिनो से एक भी यज्ञ नही किया । यज्ञ करने के लिए उसे एक बकरे की आवश्यकता होती है। इस वजहसे वह अपने दोस्त के गाव जाकर एक बकरा लेकर अपने घर के रास्ते निकलता है । बकरा उसके कान्दे पर लेकर घर कि और जाता है , पर बारीश चालू होती है । तेज हवा चलरही होती है । वह बारीश मे भिग जाता है । वह तेज भागने की कोशिश करता है पर उसे बकरे को कानदेपर लेकर वह भाग नही पारहा था । एक बहरुपी चोर एक पेड पर बैठा इतजार कर रहा था । चोर को पुजारी दिख जाता है।

उस पुजारी अब इतना भिग गया था , की वह अब भाग नहीं पा रहा था । वह एक पेड के निचे खडा हो जाता है । बकरे को उस पेड के पास बाँध देता है। उस पेड पर वह चोर बैठा होता है। वह बहरुपी डरांवनी आवाज मे बोलता है ," ये पुजारी , तु एक ब्राह्मण हे ना तो भी तु मास खाता है । तुझे लजानही आती तु एक ब्राह्मण होकर मास खाता है ।" पुजारी डर जाता ओर कहता है ," मै बकरा खाने के लिये नही यज्ञ की आहूती के लिये लाया है ।"

वह चोर और डरावनी आवाजे निकालता है । पुजारी डरके मारे वहा से भाग जाता है । घर पोहोच कर उसके ध्यान मे आता है की वह बकरे को वही छोड आया है। उस दिन से वह पुजारी यज्ञ मे आहुती देना बंद कर दिया ।

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