laghu Katha on respect in Hindi
Answers
Answer:
रामू बहुत ही गरीब लड़का था उसके माता पिता की पूरी जिन्दगी हमेशा गरीबी में ही बीती जिसके चलते रामू की पढाई लिखाई नही हो पायी रामू के माँ बाप बहुत ही बूढ़े और गरीबी से लाचार थे जिसके चलते रामू अपने माँ बाप की आर्थिक सहायता के लिए वह शहर के एक सडक के किनारे जूते पॉलिश किया करता था जिससे उसकी थोड़ी बहुत ही आमदनी हो जाती है जिसके चलते उन कमाए पैसे से रामू का घर चलता था.
रामू बचपन से ही बहुत मेहनती और ईमानदार था वह शहर के बड़े बड़े इमारतो को देखता था उसे भी लगता था की उसकी भी गरीबी एक दिन जरुर खत्म होगी और वह अपने माता पिता की अच्छी जिन्दगी जीने में सहायता करेगा यही सब सोचकर रामू अपने अपने जूते पॉलिश की दूकान पर खूब मेहनत करता था लेकीन वह कभी भी अपने ग्राहकों से अपने मेहनत के पैसो से ज्यादा पैसा कभी नही लेता था जिसके चलते उसके दूकान पर खूब भीड़ होती थी सभी रामू के व्यवहार से खुश रहते थे.
एक दिन की बात है रोज की तरह आज भी रामू अपने घर से अपने दुकान के लिए जल्दी से निकल गया और फिर अपना दूकान खोलकर ग्राहकों की प्रतीक्षा करने लगा इसी बीच उसके दूकान के पास एक बड़ी सी गाडी आकर रुकी और उस गाडी में से एक कोट वाले साहब निकले जो की रोज की तरह अपने ऑफिस जा रहे थे सो उन्होंने रामू के पास बोला की मेरे जूते खूब अच्छे से चमका दो क्यू की आज हमारे कम्पनी में बहुत बड़ी मीटिंग है.तो रामू भी फटाफट उन साहब के जूते पॉलिश कर दिया जिससे खुश होकर उस साहब ने 500 रूपये का नोट थमाया लेकिन रामू के पास तो इतने पैसे कभी एक साथ इक्कठे भी नही हुए थे और न ही रामू के पास उस समय छुट्टे पैसे भी थे की वह अपने पैसे काटकर बाकि पैसे लौटा सके.
तो यह बात रामू उस साहब से बताया की की उसके पास तो छुट्टे पैसे नही है तो वह साहब थोडा जल्दी में थे बोले की अभी तो मेरे पास भी छुट्टे पैसे नही है इसलिए तुम पूरे पैसे को ले लो