laghu katha on
satya ki jeet
it should not be more than 50-60 words
Answers
Explanation:
एक राज्य में एक अत्यंत न्यायप्रिय राजा था। वह अपने राज्य में सभी का ध्यान रखता था। वह वेष बदल कर अपने राज्य में भ्रमण करता था ,और अपने राज्य संचालन में निरन्तर सुधार का प्रयत्न करता रहता था। कई दिन उसने अपने राज्य में परेशानियां देखी। कुछ दिन बाद उसने अपने राज्य में एक कानून पारित किया कि -'यदि बाजार में किसी का सामान बेचने के बाद रह जाता है,और वह नही बिकता तो उसे राजा खरीद लेंगे।'
एक दिन की बात थी, एक चित्रकार की चित्र नही बिक रही थी । उस पर शनि देव की चित्र बनी थी। वह राजा के पास गया और राजा ने उसे खरीद लिया। उसने अपने राज महल में शनि देव की स्थापन करवाई। स्थापना के अगले दिन ही राजा के स्वप्न में लक्ष्मी जी आई।लक्ष्मी जी ने कहा -"राजन,आपने अपने महल में शनि देव की स्थापन करवाई है, मैं अब यहां नही रुक सकती, मैं अब यह से जा रही हूँ। अगले दिन स्वप्न में धर्म आया उसने भी यही कहा और वहां से चल दिया। राजा मन ही मन परेशान हो गया उसके समझ में नही आ रहा था वह क्या करे?
अगले दिन पुनः उसके स्वप्न में सत्य आया उसने भी यही बात कही और जाने लगा, राजा ने अपने कथनानुसार सत्य जा पालन किया था। राजा ने उत्तर में कहा-'देव मैंने अपने कथनानुसार सत्य का पालन किया है, आप का जाना न्याय सांगत नही होगा।' राजा की यह बात यथार्थ थी और सत्य नही गया। कुछ दिनों बाद लक्ष्मी जी और धर्म पुनः वापस आ गए।
दोस्तों, आज के समय में सत्य बोलने का सबसे बड़ा फायदा यह है की आप के कहे गए वाक्यो को ,आपको याद करने की आवश्यकता नही होती। सत्य हमे आत्मसम्मान दिलाता है ,हमे अपनी ही दृष्टि में उच्च बनाता है।रात को जब हम निद्रा के लिए जाते है, तो अलौकिक आनंद की अनुभूति करता है। दोस्तों, सत्य का प्रयोग करके देखे उत्तर आप के सामने स्वतः ही आ जायेगा।